5 August Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज है। आज पांच अगस्त है, पांच साल पहले इसी दिन जम्मू-कश्मीर का इतिहास हमेशा के लिए बदल दिया गया था, अनुच्छेद 370 खत्म हुआ था। अब इस बात को पांच साल बीत चुके हैं और ऐसी अटकलें चल पड़ी हैं कि फिर इसी तारीख को जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जरूर किसी भी तरह की अटकलों को हवा नहीं दे रहे, यहां तक कह रहे हैं कि ना कुछ अच्छा होगा और ना ही बुरा, लेकिन हलचल तेज दिखाई दे रही है।
मोदी-शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात
इस हलचल का भी एक बड़ा कारण है- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात हुई है। अब ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि दो सबसे बड़े नेता कुछ घंटों की देरी में राष्ट्रपति से मुलाकात करें। उन मुलाकातों ने ही इस बात को बल दिया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कुछ बड़ा होने वाला है। अब वो बड़ा क्या हो सकता है, इसे लेकर सिर्फ अटकलें चल रही हैं। सबसे बड़ी थ्योरी तो यह है कि शायद सरकार जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर राज्य का दर्जा दे दे।
इल्तिजा के बयान से हलचल तेज
यह तो वो मांग है कि जो उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस लगातार कर रही है, गृह मंत्री अमित शाह भी इस बारे में कई बार आश्वासन दे चुके हैं। पीएम मोदी ने भी कई रैलियों में वादा किया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलकर रहेगा। ऐसे में 5 अगस्त की तारीख काफी अहम है, इसी दिन पहले सरकार ने 370 खत्म किया था और अब शायद कोई दूसरा बड़ा कदम भी उठा लिया जाए। वैसा ऐसा संकेत तो महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के एक ट्वीट से भी होता है।
ट्रंप ने दी टैरिफ बढ़ाने की धमकी
सीएम उमर ने बड़ी बात बोली
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वे लिखती हैं कि आज से ठीक 6 साल पहले 4 अगस्त 2019 को अनिश्चितता के बादल सभी के मन में छाए हुए थे। अब एक हफ्ते से कुछ फुसफुसाहटें हो रही हैं, इससे पता चलता है कि कुछ बड़ा होने वाला है। वैसे इल्तिजा मुफ्ती को जरूर कुछ बड़ा होने का संकेत मिल रहा है, लेकिन सीएम उमर अब्दुल्ला अभी के लिए ऐसा नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात लिखी है।
वे कहते हैं कि मैंने सुना है कि कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है। लेकिन मैं साफ कर दूं कि कुछ भी बड़ा नहीं होने वाला है, उम्मीद है कि बुरा तो कुछ नहीं होगा, अच्छा भी नहीं होने वाला है। मैं इस मानसून सत्र को लेकर अभी भी पॉजिटिव हूं। मैं साफ कर दूं कि दिल्ली के लोगों के साथ मेरी कोई बात नहीं है। यह मेरी बस गट फीलिंग है, देखते हैं क्या होता है।
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