केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह समेत दूसरे राज्यों के लिए एसआईआर 2.0 के ड्राफ्ट वोटर लिस्ट मंगलवार को जारी कर दिए गए हैं। इस दौर में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3.68 करोड़ वोटरों के नाम हटा दिए गए हैं। लिस्ट में सबसे अधिक 21 फीसदी नाम केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार से हटाए गए हैं।
राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के बयानों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में एसआईआर से पहले के मतदाताओं में से 13% से लेकर केरल में 8.65% और मध्य प्रदेश में 7.45% तक मतदाताओं के नाम हटाए गए।
बीएलओ ने दिए हैं आंकड़े
इन सभी मतदाताओं को बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने “स्थानांतरित/अनुपस्थित”, “मृत” या “एकाधिक स्थानों पर पंजीकृत” के रूप में चिह्नित किया था। कोई भी वास्तविक मतदाता मंगलवार से शुरू होकर 22 जनवरी को समाप्त होने वाली दावा और आपत्ति अवधि के दौरान अपने फॉर्म जमा करके अंतिम मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है। अगर किसी व्यक्ति का एक से अधिक जगहों पर नाम पंजीकृत है तो ऐसे लोगों को केवल एक ही स्थान पर अपना पंजीकरण बनाए रखने की अनुमति होगी।
सबसे अधिक नाम अंडमान और निकोबार से हटे
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से सबसे अधिक अंडमान एंड निकोबार में वोटरों के नाम हटाए गए हैं, इनमें से 16.72 प्रतिशत वोटरों को ट्रांसफर या अनुपस्थित, 2.96 प्रतिशत को मृत और 0.94 प्रतिशत को एक से अधिक जगहों पर रहना पाया गया।
मध्य प्रदेश में 42 लाख वोटर के नाम हटे
मध्य प्रदेश में करीबन 42 लाख वोटरों के नाम ड्राफ्ट स्टेज में हटाए गए हैं। मध्य प्रदेश के सीईओ संजीव झा के द्वारा जारी डाटा के मुताबिक, 5.74 करोड़ में से 5.31 करोड़ वोटरों ने अपना गणना प्रपत्र जमा किया। 31.51 लाख वोटर या तो कहीं और शिफ्ट हो गए या फिर अनुपस्थित पाए गए। डाटा के मुताबिक, 2.77 लाख वोटर कई जगहों पर नामांकित पाए गए और 8.46 लाख वोटरों को मौत हो चुकी है।
केरल में 5 फीसदी ही हटे नाम
केरल में कुल 2.78 करोड़ वोटरों में से केवल 5.25 प्रतिशत वोटरों के नाम ही शिफ्ट या अनुपस्थित होने के कारण हटाए गए, 2.33 प्रतिशत मृत पाए घए और 0.49 कई जगह भी नामांकित पाए गए।
छत्तीसगढ़ में हटे 9 फीसदी नाम
छत्तीसगढ़ में 9 प्रतिशत वोटों के नाम शिफ्ट या अनुपस्थित होने के कारण हटाए गए, 3 फीसदी मृत पाए गए और एक प्रतिशत वोटों के नाम कई जगह नामांकित पाए गए।
बिहार से शुरू हुई थी प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने 24 जून को एसआईआर की घोषणा की, इसमें सभी पंजीकृत वोटरों की गणना प्रपत्र जमा करना जरूरी है। साथ ही कुछ कैटेगरी के वोटरों को वोटर लिस्ट में अपना नाम बनाए रखने के लिए पात्रता साबित करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज देने होंगे।
यह प्रक्रिया जून में बिहार से शुरू की गई, जिसके बाद बिहार के वोटर लिस्ट से छह फीसदी वोटरों के नाम कम हुए। बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट एक अगस्त को जारी किया गया था। बिहार में 2.83 प्रतिशत वोटर मृत, 4.58 प्रतिशत शिफ्ट/अनुपस्थित और 0.89 प्रतिशत वोटरों के नाम कई जगहों पर दर्ज पाए गए।
फिर 12 राज्यों में शुरू हुआ एसआईआर
फिर चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर शुरू किया। इस दौरान पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 16 दिसंबर को जारी हुई, जिसमें लक्षद्वीप में 2.5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत पुडुचेरी में वोटरों के नाम हटाए गए। तमिलनाडु और गुजरात की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 18 दिसंबर को जारी की गई, जिसमें क्रमश:15 प्रतिशत और 14.5 प्रतिशत वोटरों के नाम हटाए गए।
उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 21 दिसंबर को जारी होगी।
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