उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित समुदाय की महिला के साथ दरिंदगी और उसकी मौत को लेकर राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच पुलिस ने जिले के चंदपा थाने में जाति आधारित हिंसा भड़काने की साजिश, सरकार की छवि बिगाड़ने के प्रयास और साजिशन राज्य का माहौल बिगाड़ने के आरोपों में अज्ञात लोगों के खिलाफ पूरे राज्य में अलग-अलग जगहों पर 21 प्राथमिकियां दर्ज की हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा हाथरस कांड में साजिश का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद यूपी पुलिस ने हाथरस समेत विभिन्न जगहों पर कई मामलों में प्राथमिकियां दर्ज कराईं। मुख्यमंत्री ने सोमवार को भी कहा कि कुछ अराजकतावादी लोग सांप्रदायिक उन्माद और जातीय हिंसा को बढ़ावा देने की साजिश कर रहे हैं। इन अराजक तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्­यवस्­था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, हाथरस में छह प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इनमें चंदपा थाने में चार, सासनी में एक और हाथरस गेट थाने में एक एफआइआर कराई गई है। इन प्राथमिकियों में राजद्रोह से लेकर विभिन्­न समूहों के बीच दुश्­मनी को बढ़ावा देने जैसे कई गंभीर आरोपों की धाराएं लगाई गई हैं। चंदपा थाने में ही रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी कार्य में व्­यवधान और निषेधाज्ञा के उल्­लंघन जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि पोस्­टरों, सोशल मीडिया पोस्­ट से माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मथुरा, बुलंदशहर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ कमिश्नरेट में कुल 21 एफआइआर दर्ज हुई हैं।

लखनऊ में आपत्तिजनक पोस्टर लगाने पर दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। प्रशांत कुमार ने कहा कि षड्यंत्र और साजिश के तहत राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि हम सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं। कई एजंसियां इस मामले में जांच कर रही हैं।

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि हाथरस में पीड़िता के भाई के बयान और एफआइआर के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। सरकार ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा की है। प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने और सरकार को बदनाम करने की नीयत से पीड़ित परिवार के घर के आसपास भ्रामक सूचनाओं से उन्माद फैलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण राजनीतिक दलों के पांच लोगों को वहां जाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने दिशा-निर्देश का उल्­लंघन किया। हाथरस की घटना से कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया।

पहला मुकदमा वायरल आडियो से माहौल बिगाड़ने के प्रयास में चंदपा थाने में हुआ।’ अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया, ‘एक साजिश के तहत राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है। हम सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं। कई एजंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं।’

सीएम योगी आदित्यनाथ बोले
कुछ अराजकतावादी लोगों को प्रदेश की उन्नति अच्छी नहीं लग रही है। लिहाजा ये लोग देश में सांप्रदायिक उन्माद और जातीय हिंसा को बढ़ावा देने की साजिश कर रहे हैं। एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के रूप में हमें (भाजपा के कार्यकर्ताओं को) अपने विकासपरक प्रयासों से इन अराजक तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कथित धक्कामुक्की पर यूपी पुलिस से मांगा जवाब

राष्ट्रीय महिला आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कथित धक्कामुक्की पर यूपी पुलिस से जवाब मांगा है। ने कहा कि इस तरह का असंवेदनशील व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। आयोग ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रीय महिला आयोग प्रियंका गांधी के हाथरस जाते समय पुलिस द्वारा उनके साथ की गई कथित धक्कामुक्की की निंदा करता है। इस तरह का असंवेदनशील व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। उसने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से जल्द से जल्द जवाब मांगा है।

आयोग के अनुसार, पत्र की एक प्रति गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी और पुलिस उपायुक्त को भेजी गई है। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ शनिवार दोपहर उस दलित युवती के परिवार से मिलने हाथरस जा रही थीं, जिसकी कथित रूप से सामूहिक बलात्कार एवं हमले के बाद मौत हो गई।

प्रियंका जब वहां जा रही थीं तो दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान हेलमेट पहने हुए एक पुलिसकर्मी ने डीएनडी टोल प्लाजा पर प्रियंका को रोकने का प्रयास किया। आरोप है कि पुलिसकर्मी ने कांग्रेस महासचिव के परिधान पकड़कर उन्हें रोका। (भाषा इनपुट के साथ)