दिल्ली गैंग रेप कांड में दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद तिहाड़ पहुंच चुके हैं। फांसी की पूरी तैयारी हो चुकी है। फांसी देने के लिए बिहार के बक्सर से विशेष तरह की रस्सी मंगाई गई है। इसकी अच्छी तरह जांच करने के बाद शुक्रवार को पवन ने फांसी देने का अभ्यास किया। वह अपने दादा और पिता के बाद अपने घर के तीसरे सदस्य है, जो फांसी देने जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली गैंग रेप कांड में मौत की सजा पाए दोषियों की एक फरवरी को होने वाली फांसी पर रोक के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधिकारियों और दोषियों के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा।
तिहाड़ जेल अधिकारियों ने मामले में अपनी फांसी पर रोक के अनुरोध वाली तीनों दोषियों की याचिका को चुनौती देते हुए कहा कि सिर्फ एक दोषी की याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है। दोषियों के वकील ने जेल अधिकारियों से असहमति जताते हुए कहा कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो अन्य को भी फांसी नहीं दी जा सकती।
दोषी पवन सिंह, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की ओर से पेश हुए वकील ए पी सिंह ने अदालत से अनिश्चित काल के लिए फांसी स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। मामले में मृत्युदंड की सजा पाए चौथे दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी, इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में उसने याचिका दायर की थी जिसे बुधवार को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को एक फरवरी को तिहाड़ जेल में सुबह छह बजे फांसी देने के लिए दूसरी बार ‘ब्लैक वारंट’ जारी किया था। इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी। शीर्ष अदालत ने मामले में दोषी विनय और अक्षय की सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज कर दिया था। पवन एकमात्र दोषी है, जिसने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है।