केंद्र की सत्ता में वापसी करने के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार अब तीन तलाक समेत 10 अध्यादेशों को कानून बनाने की तैयारी में हैं। सरकार की तरफ से 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में तीन तलाक समेत 10 अध्यादेश को कानून बनाने की कवायद होगी। यह जानकारी बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक सूत्र ने दी।

ये अध्यादेश इस साल फरवरी-मार्च में जारी किए गए। यदि 45 दिन के भीतर इन अध्यादेशों को कानून नहीं बनाया गया तो फिर से इन अध्यादेशों को पेश करना होगा। तीन तलाक के अलावा जिन अध्यादेशों को कानून बनाने की तैयार है उसमें इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश, कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, गैर नियोजित जमा योजना पर प्रतिबंध लगाने वाला अध्यादेश, आधार व अन्य (संशोधन) अध्यादेश, नई दिल्ली इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर अध्यादेश, होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश, स्पेशल इकोनॉमिक जोन (संशोधन) अध्यादेश और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (टीचर कैडर का आरक्षण) अध्यादेश शामिल हैं। इसमें इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश में एक कमेटी को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को संचालित करने की अनुमित होगी।

मालूम हो कि आम चुनाव के बाद 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू हो रहा है। 5 जुलाई को मोदी सरकार अपना बजट पेश करेगी। संसद का यह नया सत्र 40 दिनों तक चलेगा। इसमें 30 बैठकें होंगी। संसद सत्र के पहले दो दिन नव निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी।

19 जून को लोकसभा का अध्यक्ष चुना जाएगा। 20 जून को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। इसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा है। 4 जुलाई को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। इसके एक दिन बाद 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। इससे पहले चुनाव की घोषणा पूर्व मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था।

इससे पहले भाजपा ने संसद के नए सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए कांग्रेस की मदद मांगी। सूत्रों के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने मंत्रालय के दो राज्य मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन के साथ राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। मंत्रियों ने ईद की बधाई देने का साथ ही संसद सत्र के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा था।