बाल दिवस को तारीख बदलने को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। देश भर के 100 से अधिक सांसद चाहते हैं कि चाचा नेहरू के जन्मदिवस 14 नवंबर की जगह बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाए। इसके लिए देश भर के सांसदों ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब वर्मा ने यह मुहीम शुरू की है। उन्होंने बताया कि 200 सांसदों का समर्थन मिलने के बाद यह मसौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे थे जिन्हें चार साहिबजादों के नाम से पुकारा जाता है। उन्हें दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया था। 26 दिसंबर चारों साहिबजादों की शहादत दिवस होता है। सांसदों की ओर से इन चारों बच्चों के बलिदान के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की सिफारिश की गई है। इन चारों साहिबजादों को औरंगजेब ने दीवार में चिनवा दिया था।

वर्मा ने बताया कि भाजपा के 60 सांसद इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। अन्य दल भी आगे आए हैं। इस प्रकार इस मसौदे को समर्थन करने वाले सांसदों की संख्या 100 तक पहुंच चुकी है। जल्द अन्य सांसदों का समर्थन भी लिया जाएगा। 200 हस्ताक्षर हो जाने के बाद इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि चारों साहिबजादे बच्चों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शाहदत से अच्छा दिन बाल दिवस के लिए नहीं हो सकता है। जबकि 14 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जन्मदिन होता है। उन्होंने कहा कि यह बाल दिवस आम जनता पर कांग्रेस ने थोपा है। इसलिए इसमें बदलाव किए जाने की आवश्यकता है।