उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रचार शुरू कर दिया है। हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीर शेयर की थी। इस तस्वीर के कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे थे। गृह मंत्री अमित शाह पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री योगी ही बनेंगे। विपक्षी दल सीएम योगी पर ‘अल्पसंख्यक विरोधी’ होने का लगातार आरोप लगा रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि हिंदुत्व झूठ की फैकट्री है और ‘बाबा’ को शिक्षा से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इस इंटरव्यू में उनसे कई सवाल पूछे जाते हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने योगी से सवाल पूछा था, ‘समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पहली बार ईद की मुबारकबाद नहीं दी, ऐसा क्यों?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है कि अगर उन्होंने मीडिया को देखा होता तो ये प्रश्न नहीं करते। अखिलेश जी समाजवादी हैं तो थोड़ा पढ़ते-लिखते कम हैं। इसलिए ऐसी चीजें पढ़ने पर विचार नहीं करते हैं।’
योगी का जवाब: योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘अगर उन्होंने टीवी चैनल देखा होता और अखबार पढ़ा होता तो ये प्रश्न बिल्कुल नहीं पूछते। क्योंकि उनके कई सवाल ऐसे होते हैं जो सड़कों पर ही अंजाम दिए जाते हैं और उन्हें पढ़ने-लिखने का तो समय ही नहीं मिलता। अखबार कभी देख लेते और न्यूज़ चैनल कभी देख लेते तो ऐसा प्रश्न बिल्कुल नहीं होता। जो आरोप वो हमारी सरकार पर लगाने का प्रयास कर रहे हैं वो निराधार है। क्योंकि उन्हें सिर्फ एक ही जगह दिखती है जहां से वो लोगों में भ्रम फैलाते हैं और ये बिल्कुल ठीक नहीं है।’
हिंदुत्व का एजेंडा थोप रहे हैं? एक इंटरव्यू योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछा गया था, ‘भारत पर हिंदुत्व एजेंडा जबरदस्ती थोपा जा रहा है जबकि ये एक सेक्युलर देश है।’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘भारत सेक्युलर देश इसलिए है क्योंकि ये हिंदू बहुल देश है। आखिर भारत से अलग हुए बांग्लादेश और पाकिस्तान में सेक्युलरिज्म कहां मर गई है? अच्छा होता है अगर यही सवाल जाकर आप पाकिस्तान या बांग्लादेश में भी पूछते हैं। हिंदू होना खुद ही सेक्युलरिज्म की सबसे बड़ी गारंटी है। अगर फिर भी किसी को संदेह होता है तो क्या किया जा सकता है।’