Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार योग का एक प्रकार है जो पूरे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इन योगासनों का नियमित अभ्यास मन को शांति प्रदान करता है और शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाता है। शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण लोग अक्सर कई स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करने लगते हैं, इसलिए उनके लिए सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद साबित होगा। सूर्य नमस्कार में 12 प्रकार के आसन होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत रखते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। लेकिन बहुत से लोग सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका नहीं जानते हैं जिसके कारण वे परिणाम प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। इसके अलावा, अगर सूर्य नमस्कार का सही तरीके से अभ्यास नहीं किया जाएगा, तो इससे चोट भी लग सकती है।
दो आसन को एक साथ करना:
कभी भी भुजंगासन और अधोमुख श्वानासन का अभ्यास एक साथ ना करें। वरना आपको दोनों में से किसी भी आसन का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। भुजंगासन का अभ्यास अलग करें ताकि आपको पूरा लाभ मिल सके और इनका आनंद भी उठा सकें।
लो-लंज करते वक्त आगे ना बढ़ें:
जो लोग सूर्य नमस्कार सीख रहे हैं, वे अक्सर अंजनायासन का अभ्यास करते समय पैर आगे लाने में यह गलती करते हैं। इस गलती से बचने के लिए घुटने को थोड़ा सीधा रखें और फिर पैरों को आगे बढ़ाएं।
जल्दबाजी में अभ्यास ना करें:
अगर आप सूर्य नमस्कार के लाभों को प्राप्त करना चाहते हैं तो जल्दबाजी में इनका अभ्यास ना करें। इससे आपका आसन खराब हो सकता है और आप अपनी सांस पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। सूर्य नमस्कार करने में भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
रीढ़ की हड्डी को लिफ्ट ना करना:
योग करते समय रीढ़ की हड्डी को उठाना आवश्यक है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप इसके लाभों का आनंद नहीं उठा पाएंगें। चेस्ट को लिफ्ट करते वक्त अच्छी तरह सांस लें और स्पाइन को पूरी तरह स्ट्रेच करें।
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