कहते हैं मां बनना दुनिया के सबसे खूबसूरत एहसास में से एक है। हालांकि, ये एहसास अपने साथ तमाम तरह की जिम्मेदारी और कभी-कभी परेशानियां भी लेकर आता है। इसी कड़ी में गर्भावस्था के दौरान किसी भी महिला को अपना खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। जब कोई महिला मां बनने वाली होती है, तब उसके शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। ऐसे में मां को अपनी सेहत के साथ-साथ बच्चे का भी ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। इसके लिए कई महिलाएं योग का सहारा लेती हैं, जो काफी हद तक ठीक भी है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान किसी भी योगासन को करते कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है।

स्वामी रामदेव के अनुसार, प्रेग्नेंसी में योग करने से महिलाओं को शारीरिक व भावनात्मक बदलावों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अगर गर्भवती महिलाएं रोजाना योग करती हैं तो उससे महिलाओं को डिलीवरी के समय होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि स्वामी रामदेव के अनुसार गर्भवती महिलाओं को कौन से योगासन करने चाहिए और किन योगासन से दूरी बनानी चाहिए।

काम आएंगे ये योगासन:

प्राणायाम:

स्वामी रामदेव बताते हैं कि प्राणायाम गर्भावती महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। इससे ना केवल उनका स्वास्थय ठीक रहेगा, बल्कि होने वाले बच्चे को भी फायदा मिलेगा। अगर गर्भावस्था में महिलाएं अपने मन को शांत रख प्राणायाम करती हैं तो उन्हें एंजाइटी, डिप्रेशन, चिड़चिड़ेपन से तो निजात मिलती ही है, साथ ही इससे उन्हें जोड़ों के दर्द आदि से भी राहत मिलेगी।

क्या है सही समय?

स्वामी रामदेव ने प्राणायाम करने का सबसे सही समय सुबह का बताया है। गर्भवती महिलाएं सुबह में खाली पेट प्राणायाम करें। हालांकि, अगर वे सुबह ऐसा नहीं कर पाती हैं तो शाम के समय खाना खाने के करीब 5 घंटे बाद भी इसका अभ्यास किया जा सकता है।

ताड़ासन:

स्वामी रामदेव के अनुसार, गर्भवती महिलाओं के लिए ताड़ासन सबसे अच्छा योग माना जाता है क्योंकि इसे करने से उनका ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और शरीर को मजबूती मिलती है।

क्या है सही समय?

बाबा रामदेव के मुताबिक वैसे तो ताड़ासन करने के लिए कोई भी सख्त नियम नहीं है लेकिन अगर आप इस आसन को खाली पेट करती हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद होगा।

सुखासन कीजिए फायदा होगा:

सुखासन मेडिटेशन का एक पोज है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह योगासन सबसे आसान भी माना जाता है। सुखासन ना केवल गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी लाभकारी है। सुखासन करने से दिमाग को आराम मिलता है और यह बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाने में भी मदद करता है।

क्या है सही समय?

स्वामी रामदेव के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को यह आसन दिन में 2 बार करना चाहिए।

किन बातों का रखें ध्यान?

  • स्वामी रामदेव ने गर्भावस्था में प्राणायाम को अच्छा बताया है। हालांकि, इसे लेकर कुछ सावधानियां बरतने की भी जरूरत है। रामदेव के मुताबिक, अगर गर्भवती महिलाओं को अधिक गर्मी लगती है, ज्यादा पसीना आता है या हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी रहती है तो वे कपालभाति और बाह्य प्राणायाम ना करें।
  • गर्भवती महिलाएं सुखासन को क्षमता अनुसार ही करें। सुखासन करते समय घुटनों को जमीन पर टिकाकर रखें इससे आपकों आसानी होगी।
  • इससे अलग गर्भावस्था के दौरान पेट पर बल पड़ने वाले और पेट में खिंचाव पैदा करने वाले आसनों को नहीं करना चाहिए। इसमें चक्रासन, नौकासन, भुजंगासन, हलासन, अर्धत्स्येंद्रासन, भुजंगासन, धनुासन आदि शामिल हैं।