World Book and Copyright Day 2025: पुस्तकों का हमारे जीवन से गहरा नाता होता है। बचपन से इनका सफर हमारे साथ शुरू होता है और ताउम्र ये हमें कुछ न कुछ नया सीखाती रहती हैं। बदलते समय में किताबों की जगह कम्प्यूटर और इंटरनेट ने ले ली है। इसलिए अब इनका इस्तेमाल कम होने लगा है। लोगों में किताबों के प्रति प्रेम की अलख जगाने और पुस्तकों के महत्व से रूबरू कराने के लिए हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में इस दिन कई जगह प्रोग्राम होते हैं ताकि लोगों को किताबों के प्रति जागरूक किया जा सके। लेकिन क्या आपको पता है वर्ल्ड बुक डे 23 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है, आइए जानते हैं इसके बारे में।
पुस्तक दिवस की ऐसे हुई शुरुआत
लोगों को किताबों का महत्व समझाने के लिए यूनेस्को ने 23 अप्रैल के दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इसकी शुरुआत सर्वेंट्स पब्लिशिंग हाउस के निर्देशन विसेंट क्लेवेल द्वारा सन् 1922 में की थी। मिगुएल डे सर्वेंट्स को सम्मानित करने के उद्देश्य से उन्होंने इस दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत की थी। 1926 में बार्सिलोना में पहला विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया था।
पहले 7 अक्टूबर को मनाया गया था पुस्तक दिवस
ऐसा बताया जाता है कि पुस्तक दिवस मिगुएल डे सर्वेंट्स की जन्मदिन 7 अक्टूबर को मनाया गया था। लेकिन बाद में इस दिवस को मनाने के लिए मिगुएल डे सर्वेंट्स की मृत्यु का दिन यानी कि 23 अप्रैल चुना गया। साल 1995 में यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में घोषित किया।
यहां जानिए क्या होता है कॉपीराइट?
कॉपीराइट एक कानूनी अधिकार होता है जो रचनाकार को उसकी रचना पर नियंत्रण देता है। ये इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इसके बिना कोई भी व्यक्ति किसी की रचना का गलत उपयोग कर सकता है।