उत्तर प्रदेश में चुनाव को देखते हुए सियासी हलचल तेज हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं। आपको बता दें कि पिछले साल कोरोना काल में ही योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था। लेकिन सीएम अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं गए थे। उन्होंने अपने परिजनों को एक चिट्ठी लिखकर इसकी वजह भी बताई थी। अब टाइम्स नाउ नवभारत को दिए एक इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से पिता के अंतिम संस्कार में न जाने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने खुद इसकी वजह बताई।

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सुशांत सिन्हा ने योगी आदित्यनाथ से पूछा, ‘योगी जी, आपका एक पक्ष हमने वो भी देखा है भावुक वाला, जब आप संसद में रोये थे, वह आपको याद होगा। वह तस्वीर कोई भूलता नहीं है। आप अंदर से भावुक हैं यह देश जानता है। आपके पिता जी का देहांत हुआ, आप काम करते रहे… उसपर भी आपके ऊपर सवाल उठाए गए कि कैसा बेटा है, अंतिम संस्कार में गया नहीं। आज आपके ऊपर परिवार को लेकर सवाल उठाया जा रहा है। क्या यह बातें आपको अंदर तक चोट पहुंचाती हैं?

इसपर योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि देखिए सार्वजनिक जीवन में आएं हैं, हमें इस प्रकार के हल्के बयानों को बहुत गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मैं सार्वजनिक जीवन में हूं तो मेरे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। कोरोना प्रबंधन देश के मिशन का एक पार्ट था और कोरोना की लड़ाई देश की लड़ाई थी। किसी भी पुत्र के लिए उस समय महत्वपूर्ण होता है कि उसे राष्ट्र धर्म का पालन करना है या पुत्र धर्म का पालन करना है।

जब देश कोरोना से लड़ाई लड़ रहा हो तो मुझे लगा कि अगर मैं अपने पूज्य पिता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में भाग ले भी लूं तो इससे वह वापस आएंगे नहीं। लेकिन अगर कोरोना प्रबंधन के लिए मैं लखनऊ में रहकर इस कार्यक्रम के साथ जुड़ जाऊंगा तो उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों की जान बचाने में सहायक हो सकता हूं। तो मैंने अपने उस राष्ट्र धर्म का पालन किया है। कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती प्रदान करने में अपना योगदान दिया है। वह मेरा दायित्व भी था क्योंकि इसीलिए पार्टी और प्रदेश ने मुझे चुनकर भेजा है।

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पिता के निधन के बाद वायरल हुई थी चिट्ठी: आपको बता दें कि पिता के निधन के बाद सीएम योगी ने एक चिट्ठी लिखी थी, जो काफी वायरल हुई थी। उन्होंने चिठ्ठी में लिखा था, ‘अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख एवं शोक है। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परंतु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका।

कल 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीय मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।’