What happen If Blood Sugar Cross 200 mg/dl: आज कल अधिकांश लोग तेजी से डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। भारत में करीब 8 करोड़ लोगों को डायबिटीज है। डायबिटीज में अधिकांश लोगों का फास्टिंग ब्लड शुगर 200 mg/dl के पार चला जाता है। ब्लड शुगर लेवल जब 200 mg/dl के पार हो जाए तो उसे हाइपरग्लेसेमिया (hyperglycemia) कहते हैं। शुगर लेवल का 200 के पार जाना खतरनाक है। इसका मतलब है कि डायबिटीज की बीमारी अब शरीर के अन्य अंगों पर गंभीर असर करने लगी है। यानी हाई ब्लड शुगर हो गई है, जैसे ही ब्लड शुगर 200 mg/dl के पार पहुंचता है तो सबसे पहले किडनी पर असर करता है। इसके बाद हार्ट, लिवर और नसों को प्रभावित करने लगता है। इस स्थिति से बचने के लिए शुगर लेवल को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है।

कैसे जानें शुगर लेवल 200 mg/dl के पार पहुंच गया

मायो क्लिनिक के मुताबिक सामान्य शुगर लेवल के बढ़ने पर बहुत अधिक लक्षण नहीं दिखते लेकिन जैसे ही शुगर लेवल 200 mg/dl के पार पहुंचता है, शरीर में कई लक्षण दिखने लगते हैं। हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति में सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और सांसों से दुर्गंध आने लगती है। ब्लड शुगर 200mg/dl के पार पहुंचने पर बहुत अधिक प्यास लगती है और बहुत अधिक पेशाब भी होता है। इस स्थिति में बहुत कमजोरी भी महसूस होती है और कोई चीज साफ देखन में दिक्कत होती है।

हाई ब्लड शुगर सोचने की क्षमता भी प्रभावित करती है। हालांकि शुरुआती दौर में ये लक्षण भी नहीं दिखते लेकिन अगर शुगर लेवल लगातार 200 mg/dl के पार जा रहा है तो ये सारे लक्षण दिखने लगते हैं।

शरीर के इन अंगो पर खतरनाक असर

शुगर लेवल अगर 200 mg/dl से ज्यादा होने लगे तो सबसे पहले नसों पर असर होता है। नसें डैमेज होने लगती है जिससे नसें नीली दिखने लगती है। इससे फुट अल्सर भी हो जाता है और घाव जल्दी नहीं भरता। वहीं स्किन में भी रैशेज निकलने लगते हैं। दांतों में भी इंफेक्शन हो जाता है। इसके अलावा हार्ट पर भी असर होता है।

हाइपरग्लेसेमिया को कैसे करें कंट्रोल

डायबिटीज लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है, इसलिए हमें लाइफस्टाइल को सही करके ही बीमारी पर काबू पाना होगा। जैसे ही हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण दिखें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित रूप से ब्लड शुगर चेक करते रहे। डाइट और फिजिकल एक्टिविटी को हेल्दी बनाएं। डाइट में फ्रूट, सीजनल सब्जियां, हरी पत्तीदार सब्जियां, स्प्रॉउट आदि को शामिल करें। बाहर फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड ज्यादा तली-भुनी चीजें न खाएं। करेले का जूस, मेथी की सब्जी, चिया सीड्स आदि का सेवन करें। मीठी चीजें एकदम न खाएं। सिगरेट और शराब से दूर रहें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। पर्याप्त नींद लें और तनाव नहीं लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।