Vocal for Local: जैसा मौसम हो वैसा ही खान-पान आपको रखना चाहिए। इससे सेहतमंद रहने में मदद मिलती है। दरअसल, जब आप मौसमी सब्जियों को खाते हैं तो आपको उस मौसम की बीमारियों से भी बचने में मदद मिलती है। साथ ही उस मौसम की सब्जी होने की वजह से ये सस्ते दामों पर भी मिल जाती हैं। तो आज हम ऐसी ही लोकल सब्जी के बारे में बात करेंगे जो कि इस मौसम की है और आपको इन दिनों बाजार में आराम से मिल जाएगी। इस सब्जी को लोकल भाषा में लसोड़ा (lasoda) कहते हैं। आइए, जानते हैं इस सब्जी के बारे में विस्तार से।

लसोड़ा क्या है-What is lasoda

लसोड़ा (lasoda) करौंदे की तरह नजर आने वाली जंगली सब्जी है जिसे आम भाषा में गुंडा भी कहते हैं। ये गरे रंग का होता है और कई बार इसे देखकर आपको जामुन की भी याद आएगी। इस सब्जी (lasoda fruit benefits in hindi) की खास बात ये है कि इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर की मानें तो इसमें जिंक, आयरन और कैल्शियम होता है। पर इसमें कुछ ऐसे मेडिसन गुण होते हैं जिसकी वजह से डायबिटीज की समस्या में भी आप इसे खा सकते हैं। इसके अलावा ये गर्मियों में होने वाली स्किन की समस्याओं से भी बचाव में मददगार (lasoda fruit benefits in hindi) है। आइए, जानते हैं इस लोकल फूड को खाने के फायदे।

लसोड़ा कैसे खाते हैं-How to eat lasoda recipe

लसोड़ा की सब्जी-lasoda sabji

लसोड़ा की सब्जी बनाने से पहले आपको कुछ चीजों को तैयार करके रख लेना है। जैसे लसोड़ा, बारीक कटे प्याज, लहसुन और अदरक का पेस्ट। गर्म मसाले, बाकी मसाले और नमक। अब इस सब्जी को बनाने के लिए लसोड़ा को उबालकर रख लें। उसके बाद इसके बीच से बीज निकाल लें और सब्जी के लिए इसे तैयार कर लें।

इसके बाद गैस पर एक पैन चढ़ाएं और इसमें तेल डालें। इसमें जीरा और हींग डालें। इसमें प्याज, हरी मिर्च, लहसुन-अदरक पेस्ट और फिर बाकी मसालों को डाल लें। इसके बाद मसाले को पूरे तरह से भून लें और इसमें लसोड़ा डाल लें। सबको अच्छी तरह से भूनकर पकाएं। नमक डालें, पानी डालें और आराम से पकाएं।

लसोड़ा का अचार-lasode ka achar

लसोड़ा का अचार बनाने के लिए लसोड़ा उबालकर रख लें। इसमें धनिया, मिर्च और बाकी मसालों को मिला लें। हल्का हींग, नमक और सरसों का तेल मिलाएं। अब पीली सरसों को भूनकर इसे पीसकर इसमें मिलाएं। फिर इसमें लहसुन की कलियों को मिला लें। अब सबको मिलाने के बाद इसे धूप दिखाएं। हर कुछ दिनों में सरसों के तेल को गर्म करके मिला लें। फिर इसे आराम से पकने दें। जब अचार का रंग लाल पड़ने लगे तो इसे खाना शुरू कर सकते हैं।