Bhabiji Ghar Par Hain: छोटे पर्दे के मशहूर कॉमेडी शोज में से एक है सीरियल ‘भाबी जी घर पर हैं’ जो एंड टीवी पर प्रसारित होता है। इस धारावाहिक के अनूठे किरदारों में से एक हैं अनोखे लाल सक्सेना जी यानी सानंद वर्मा। कभी थप्पड़ खाने तो कभी करंट लगने पर जिस तरह वो ‘आई लाइक इट’ बोलते हैं, दर्शक हंसने पर मजबूर हो जाते हैं। इससे पहले सानंद कई सीरियल, वेबसीरीज और फिल्मों में नजर आ चुके हैं।

बता दें कि बिहार निवासी सानंद का बचपन से ही एक्टर बनने का सपना था। लेकिन आज जिस मुकाम पर वो हैं, इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सानंद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके घर की आर्थिक स्थिति शुरुआत में बेहद खराब थी। इस वजह से उन्होंने 8 साल की उम्र से कमाना शुरू कर दिया था। आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से –

एक्टिंग से पहले कई जगह कर चुके हैं काम: सानंद ने बताया था कि जब वो आठ साल के थे तब पढ़ाई के साथ ही वो किताब बेचकर भी अपना खर्चा निकाला करते थे। इसके अलावा, खेत में भी घरवालों का हाथ बढ़ाते थे। फिर जब वो 12 साल के हुए तब दूसरे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे। हालांकि, वो बच्चों से फीस के तौर पर केवल 15 रुपये ही लेते थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सानंद ने चपरासी से लेकर प्रूफ रीडर तक की नौकरी की है।

1993 से हैं मुंबई में:भाभी जी घर पर हैं‘ सीरियल के सक्सेना जी साल 1993 से मुंबई में रह रहे हैं। मीडिया से जुड़े रहने के लिए उन्होंने सबसे इलेक्ट्रॉनिक और फिर ब्रॉडकास्ट जॉइन किया। वहां, उनकी मेहनत रंग लाई और एक वक्त आया जब उनकी सालाना आय करीब 50 लाख रुपये हो गई थी। इन पैसों से सानंद ने मुंबई में घर खरीदा।

लैविश जिंदगी के बाद फिर शुरू हुआ स्ट्रगल: 2015 से ‘भाबी जी घर पर हैं’ सीरियल में नजर आ रहे सानंद वर्मा ने साल 2010 में अपने करियर की शुरुआत की थी। सानंद बताते हैं कि पहले ऑडिशन के लिए वो 25 किलोमीटर लोकल ट्रेन से सफर करते थे। लेकिन आरामदायक जिंदगी जीने के आदी हो चुके सानंद को ये पसंद नहीं आया। इसके बाद वो रोज मुंबई के अंधेरी से करीब 50 किलोमीटर पैदल चलकर ऑडिशन देने आते थे।

कितनी मिलती है सैलरी: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस धारावाहिक के सानंद को रोजाना के 30 हजार रुपये मिलते हैं। इसके अनुसार महीने में सीरियल से सक्सेना जी लगभग लाखों रुपये कमा लेते हैं।