हर एक महिला के लिए गर्भावस्था एक सुखद पल होता है। गर्भवती महिलायें चाहती हैं कि होने वाला बच्चा एकदम स्वस्थ और रोगमुक्त हो; लेकिन की बार गर्भवती महिलाओं के शरीर में पहले से मौजूद किसी न किसी बीमारी की वजह से बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई बार गर्भवती महिलाओं के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या हो जाती है, ऐसे में गर्भावस्था के दौरान यूरिक एसिड की मात्रा उच्च होने से जच्चा-बच्चा दोनों को नुकसान हो सकता है। चूंकि यूरिक एसिड का निर्माण शरीर में खुद-ब-खुद होता है, जब कोई व्यक्ति खाद्य पदार्थ खाता है तो शरीर प्यूरीन को पचाता है, तब यूरिक एसिड का निर्माण होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी यूरिक एसिड की मात्रा उच्च होने का खतरा रहता है। आइए जानते हैं विस्तार से –
कैसे बनता है यूरिक एसिड: शरीर में मौजूद सेल्स और हमारे आहार से यूरिक एसिड बनता है, जो यूरिन के जरिए शरीर से निकलता है। किडनी का प्रमुख कार्य है ब्लड को फ़िल्टर कर शरीर से वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने में मदद करना; लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है तो इसे किडनी फिल्टर नहीं कर पाती है। जिसकी वजह से यह यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है, जो हड्डियों के बीच में क्रिस्टल के रूप में जमा हो कर दर्द पैदा करता है।
यूरिक एसिड का स्तर: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में यूरिक एसिड का स्तर 2.5 से लेकर 5.6 mg/dL. होना चाहिए। वहीं, सामान्य परिस्थिति में प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में यूरिक एसिड 2 से 4.2 mg/dL. के बीच होना चाहिए। जबकि दूसरी तिमाही में ये बढ़कर 2.4 से लेकर 4.9 mg/dL. तक हो सकते हैं। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में यूरिक एसिड 3.1 से लेकर 6.3 mg/dL. के बीच हो सकता है।
बच्चे पर इसका असर: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंसी पहली तिमाही में जिन गर्भवती महिलाओं को हाई यूरिक एसिड की परेशानी होती है, उन्हें प्री-क्लाम्प्सिया नाम की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा, जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके कारण बच्चों के वजन में अंतर हो सकता है, साथ ही गर्भ में ही या फिर पैदा होने पर जान जाने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, बच्चों में हाइपरटेंशन, हृदय रोग व डायबिटीज का खतरा भी हो सकता है।
कैसे रखें ख्याल: गर्भवती महिलाओं को अपने साथ बच्चे के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए इसलिए गर्भावस्था के दौरान हेल्दी डाइट फॉलो करके और व्यायाम व योगाभ्यास से यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल किया जा सकता है। फल, हरी सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज का सेवन करें साथ ही जंक फूड, नॉन वेज, प्रोसेस्ड और शुगरी फूड्स का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। वजन पर नियंत्रण भी इस परेशानी पर काबू करने में मददगार साबित होगा।