उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में दिल्ली स्थित यूपी सदन और यूपी भवन का नाम बदलने का ऐलान किया था। इसमें यूपी सदन का नाम उत्तर प्रदेश सदन त्रिवेणी रखा गया था जबकि यूपी भवन का नाम अब उत्तर प्रदेश भवन संगम रखा गया था। ये कोई पहली बार नहीं है जब योगी सरकार ने ऐसा फैसला लिया है, इससे पहले भी कई जगहों का नाम बदला गया है।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने इसको लेकर ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से एक इंटरव्यू में सवाल पूछा था। प्रभु चावला पूछते हैं, ‘योगी आदित्यनाथ जैसे कपड़े पहनते हैं। इससे लगता है उत्तर प्रदेश को मॉडर्न हिंदू राज्य में बदल दिया है।’ इसके जवाब में वह कहते हैं, ‘योगी के रूप में मेरा भी एक धर्म है और वो धर्म है राष्ट्रधर्म।’

पहले से था कोई प्लान: प्रभु चावला ने सवाल पूछा था, ‘वही तो लगता है ना। लोग कहते हैं कि जब से योगी जी यूपी में आए हैं तबसे राज्य की पहचान ही बदल दी है। पहले यूपी को आगरा और ताजमहल के लिए जाना जाता था। जबसे आप आए हैं लोग कहते हैं कि वाराणसी भी वहां पर है, प्रयागराज भी वहां पर है, क्या ये आपका पहले से कोई प्लान था कि पूरे यूपी की छवि को ही बदलकर रख दिया गया।’

योगी आदित्यनाथ इसके जवाब में कहते हैं, ‘छवि कोई मैंने नहीं बदली है। यहां अयोध्या, प्रयागराज, काशी और मथुरा बहुत पहले से है। अगर दुनिया की सबसे प्राचीनतम नगरियों में कोई है तो वे यही जगहें हैं। दुनिया के पहले राजा मनु की राजधानी अयोध्या रही है। श्रीराम जिस सूर्यवंश में पैदा हुए थे उस सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या रही है। वही अयोध्या विश्व मानचित्र पर उभरकर सामने आ रही है।’

योगी का जवाब: प्रभु चावला कहते हैं, ‘आप तो सिर्फ नाम ही बदलते हैं। लेकिन कई जगहों के नाम तो बदले नहीं हैं।’ योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ‘हमने फैजाबाद का नाम अयोध्या किया, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया। इसमें क्या गलत किया? इससे हमारे देश की संस्कृति जुड़ी हुई है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो अपनी संस्कृति की पहचान के लिए किया जा रहा है।’

बता दें, यूपी सरकार ने कुछ समय पहले झांसी रेलवे स्टेशन का नाम रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखने की सिफारिश की है। इसके अलावा मुगलसराय का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय नगर किया जा चुका है। इसके अलावा गाजीपुर का नाम ‘गाधिपुरी’ रखने की मांग की गई है।