Late Pregnancy Complications: आज के समय में देरी से गर्भधारण करना आम बात हो चुकी है। आज हर कोई ‘सेट्ल’ होने के बाद ही बच्चों के बारे में सोचते हैं। हाल में ही, करीना कपूर ने दूसरी बार मां बनने की खुशी अपने फैंस से साझा की है। 40 साल में दूसरी बार मां बनने जा रहीं करीना 36 की उम्र में बेटे तैमूर को जन्म दे चुकी हैं। वैसे तो मासिक धर्म के रुकने से पहले तक महिलाओं में गर्भधारण के आसार रहते हैं। लेकिन 30 साल के बाद मां बनने की राह उतनी आसान नहीं होती है। कम उम्र में मां बनने की तुलना में ज्यादा उम्र में गर्भधारण करने के समय अधिक जटिलताएं सामने आती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –

उम्र के साथ कम हो जाती है फर्टिलिटी: स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती जाती है, शरीर में मौजूद अंडों की संख्या और गुणवत्ता कम होती जाती है। डॉक्टर्स के मुताबिक 35 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाएं ‘एडवांस मैटरनल एज’ की सूची में शामिल हो जाती हैं। ज्यादातर मामलों में 32 साल के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी कम होती जाती है। वहीं, 40 के करीब पहुंचने पर उसमें बहुत अधिक गिरावट आ जाती है। हालांकि, आइवीएफ इन महिलाओं के लिए पिछले कुछ सालों में बहुत बड़ा सहारा बनकर उभरा है।

मिसकैरेज व स्टिलबर्थ का होता है खतरा: मिसकैरेज और स्टिलबर्थ का खतरा यूं तो किसी भी उम्र में मां बनने पर रहता है। लेकिन ज्यादा उम्र की प्रेग्नेंट महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है। एक शोध के अनुसार 40 से 44 साल की गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज की संभावना लगभग 33 प्रतिशत बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर में मौजूद अंडे भ्रूण में क्रोमोसोमल प्रॉब्लम्स पैदा कर सकते हैं। वहीं, इस उम्र में जेस्टेशनल डायबिटीज और प्री – एक्लेम्पसिया भी महिलाओं को अपना शिकार बना सकती हैं। इससे स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ता है, बता दे कि इस स्थिति में शिशु डिलिवरी से पहले ही मर जाता है।

महिलाओं को ये होता है खतरा: अधिक उम्र में मां बनने पर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, प्री-एक्लेम्पसिया और प्लेसेंटा प्रेविया जैसी परेशानी हो सकती है।

इन बातों का रखें ध्यान: हालांकि, आज जब तकनीक इतना विकसित हो चुका है जिससे लेट प्रेग्नेंसी के जोखिम भी कम हुए हैं। महिलाएं चाहे किसी भी उम्र में मां बनें, सावधानी व सतर्कता बरतना जरूरी होता है। धूम्रपान व शराब से दूरी बनाएं रखें। नियमित व्यायाम व स्वस्थ आहार को अहमियत दें। तनाव न लें और सकारात्मक रहें।