डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसुलिन का उत्पादन बाधित होता है। टाइप-1 डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है जबकि टाइप-2 डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन पर्याप्त नहीं करता। इंसुलिन का अपर्याप्त उत्पादन ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ाता है। ब्लड शुगर बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं।

बार-बार पेशाब आना, घाव का देरी से भरना, भूख अधिक लगना, ज्यादा प्यास लगना, आंखों की रोशनी प्रभावित होना डायबिटीज बढ़ने के सबसे आम लक्षण हैं। डायबिटीज बढ़ने के स्किन पर भी लक्षण दिखने लगते हैं।

स्किन की समस्याएं कभी-कभी पहला संकेत होती हैं कि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है। हालांकि स्किन की समस्याएं सिर्फ डायबिटीज की बीमारी के संकेत नहीं है ये कॉस्मेटिक इश्यू भी हो सकते हैं। स्किन पर होने वाली ज्यादार परेशानियों का आसानी से इलाज करके ठीक किया जा सकता है लेकिन डायबिटीज की वजह से स्किन पर दिखने वाली परेशानियों का तुरंत इलाज करना मुमकिन नहीं होता। आइए जानते हैं कि ब्लड शुगर बढ़ने पर डायबिटीज के मरीजों की स्किन पर कौन-कौन से निशान दिखते हैं।

डायबिटीज के मरीजों को होने वाली स्किन की परेशानियां:

डायबिटीज के मरीजों को स्किन की कुछ समस्याएं होती है जिसमें जीवाणु संक्रमण, फंगल संक्रमण और खुजली शामिल हैं। हालांकि स्किन की ये परेशानियां किसी को भी हो सकती है लेकिन डायबिटीज के मरीजों को स्किन को जो परेशानियां ज्यादा परेशान करती हैं उसमें

  1. डायबिटिक डर्मोपैथी (diabetic dermopathy),इस समस्या में स्किन पर ओवल और गोल आकार में डार्क रंग के चकत्ते निकलते हैं।
  2. नेक्रोबायोसिस लिपोइडिका डायबिटिकोरम (necrobiosis lipoidica diabeticorum)तले चमकदार पैच होते हैं जो खासतौर पर पैरों पर दिखते हैं।
  3. डायबिटिक फफोले (diabetic blisters)एक बड़ा छाला, फफोले का एक समूह हो सकता हैं
  4. एलर्जी (Allergic reactions)डायबिटिक लोगों में खुजली होना
  5. इरप्टिव ज़ैंथोमैटोसिस (eruptive xanthomatosis)शामिल हैं।

त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए इन उपायों को अपना सकते हैं:

  • शुगर को कंट्रोल करें। जिन लोगों के ब्लड में शुगर का स्तर हाई होता है उनकी स्किन रूखी हो जाती है और हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता कम होती है। ऐसी स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • त्वचा को साफ और सूखा रखें।
  • बहुत गर्म पानी से नहाने से बचें। अगर आपकी त्वचा रूखी है तो बबल बाथ का इस्तेमाल न करें।
  • मॉइस्चराइजिंग साबुन स्किन की समस्याओं से बचाव कर सकता है।
  • नहाने के बाद बॉडी लोशन का इस्तेमाल करें। याद रखें की पैरों की उंगलियों के बीच में लोशन नहीं लगाएं। अतिरिक्त नमी फंगस को बढ़ने के लिए जिम्मेदार साबित होती है।
  • स्किन की ड्राईनेस को कंट्रोल करें। सूखी या खुजली वाली स्किन खुजाने पर स्किन पोर्स खुल सकते है और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें ताकि फटने से बचा जा सके, खासकर ठंड के मौसम में ये बचाव जरूर करें।
  • स्किन पर कट का तुरंत इलाज करें। छोटे-छोटे कटों को साबुन और पानी से धोएं। घाव पर एंटीबायोटिक क्रीम का प्रयोग करें।