डायबिटीज मरीजों के लिए शुगर को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है। शुगर कंट्रोल करने में अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल का अहम रोल है। चाहे टाइप-1 डायबिटीज हो या फिर टाइप-2 डायबिटीज, दोनों से निपटने के लिए पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण बेहद जरूरी है। अगर शरीर में पर्याप्त इंसुलिन न बने तो ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है।
इंसुलिए एक ऐसा हॉर्मोन है जो खाने को एनर्जी में बदलता है। बॉडी में इंसुलिन की कमी होने पर मधुमेह यानी शुगर के मरीजों को डॉक्टर इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की सलाह देते हैं, जिससे उनके ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है।
कुछ मरीजों में इंसुलिन का उत्पादन बहुत कम या फिर धीरे होता है, ऐसे लोग इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने के लिए इंजेक्शन के साथ नैचुरल फूड्स का भी सेवन कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ ड्राईफ्रूट्स का सेवन करके इंसुलिन को नैचुरल तरीके से बढ़ाया जा सकता है। आइए कुछ ड्राईफ्रूट्स के बारे में जानते हैं तो नैचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन करते हैं।
बादाम कैसे नैचुरल इंसुलिन बढ़ाता है:
अनसैचुरेटेड फैट, विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर बादाम का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा पहुंचता है। ये बॉडी में नैचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन करता है। डायबिटीज के मरीज रोजाना मुट्ठी भर बादाम का सेवन करें तो उन्हें फायदा होगा। बादाम को आप भिगो कर या दूध में मिलाकर शेक की तरह पी सकते हैं। बादाम का सेवन करने से बॉडी को पर्याप्त पोषक तत्व और एनर्जी मिलती है।
अंजीर भी है बेहद कारगर:
डायबिटीज के मरीज डाइट में अंजीर का सेवन करें, इससे शुगर कंट्रोल रहेगी। अंजीर में कैल्शियम , विटामिन ए, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक मौजूद होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। इससे बॉडी में नैचुरल इंसुलिन का उत्पादन भी होता है। इसमें घुलनशील फाइबर होते हैं, जो ब्लड में ग्लूकोज को बहुत जल्दी एब्जॉर्ब नहीं होने देते।
मूंगफली भी कारगर मानी गई है: डायबिटीज मरीजों के लिए मूंगफली भी बेहद कारगर मानी गई है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल के एक अध्ययन के मुताबिक मूंगफली या फिर पीनट बटर खाने से टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को फायदा पहुंचता है। मूंगफली में अनसैचुरेटेड फैट और जरूरी पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं जो बॉडी में नैचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन करने में असरदार हैं। मूंगफली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है।