आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई इतना व्यस्त हो गया है कि अपनी हेल्थ का लोग अच्छे से ध्यान नहीं रख पाते हैं। महिलाएं घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों को संभालते-संभालते अक्सर छोटी- मोटी बीमारियों को इग्नोर कर देती हैं। बाद में यही बीमारियां काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं। बता दें कि लम्बे समय तक थकान , जुकाम, सिर-दर्द आदि आगे चलकर यही छोटे-मोटे लक्षण हमारे शरीर में एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेते हैं। आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में जो आगे चलकर महिलाओं के लिए बड़ी परेशानियां खड़ी कर सकती हैं।

वजन में बदलाव: अचानक से वजन का बढ़ना या घटना भी कई बड़ी बीमारियों के लक्षण हैं। अगर आपका वजन अचानक से बढ़ जाता है तो ये सब थायराइड और डिप्रेशन जैसी परेशानियों के लक्षण हैं। वहीं दूसरी ओर अचानक से वजन का कम होना डायबिटीज, लिवर व कैंसर जैसी बीमारियों का भी संकेत है।

थकान लगना: अगर आपको बहुत लम्बे समय से ज्यादा थकान की शिकायत है तो आप मेटाबोलिस्म डिसआर्डर जैसी परेशानी से पीड़ित हो सकती हैं। किसी काम के बाद थकान का होना आम बात है; लेकिन बार-बार और हर समय थका हुआ महसूस करना एक परेशानी हो सकती है।

चेस्ट में दर्द महसूस होना: अगर आपको चेस्ट में दर्द महसूस होता है, हार्टबीट का तेज़ी से बढ़ना, सांस लेने में तकलीफ होना आदि जैसे लक्षण फील हो रहे हैं तो इन्हे आप बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। क्योंकि इन सभी कारणों से ही आपको कोई बड़ी हार्ट डिजीज हो सकती है।

देखने में समस्या: नजर का कमजोर होना भी कोई आम बात नहीं है अगर आपको देखने में सबकुछ ब्लर या साफ़ नजर नहीं आ रहा है; तो ये भी स्ट्रोक के लक्षण हैं। इस प्रकार के किसी भी लक्षण को हल्के में न ले और सावधानी बरतें।

त्वचा का रंग बदलना: अगर आपकी त्वचा में आपको कुछ बदलाव नजर आते हैं जैसे कि त्वचा का रंग काला पड़ना या त्वचा पर निशान होना तो ये सब भी डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। बदलते मौसम में अपनी त्वचा का ज्यादा ध्यान रखें और किसी भी प्रकार के बदलाव महसूस होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

खर्राटे लेना: थकान के बाद सोते समय खर्राटे लेना एक आम बात है लेकिन अगर आप को लग रहा है की आप सोते समय कुछ ज्यादा ही तेजी से और तेज आवाज में खर्राटे ले रही हैं तो ये कार्डियोवास्कुलर और वजन बढ़ने का भी लक्षण हो सकते हैं।

सांस में लेने में कठिनाई: कुछ महिलाओं को सांस लेने में अक्सर कुछ कठिनाई होती है; और इसका मतलब होता है की आपके हार्ट को पूर्ण रूप से ब्लड की सप्लाई नहीं हो रही होती है। अक्सर महिलाओं में इन परेशानियों से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

मेंसुरेशन में बदलाव: पीरियड्स में चेंज होना एक सामान्य बात है लेकिन अगर आप कुछ अलग नोटिस कर रही हैं; जैसे की फ्लो बढ़ना, दर्द ज्यादा होना, ब्लीडिंग ज्यादा होना, समय पर पीरियड्स का न आना आदि। ये सभी लक्षण एक खतरनाक बीमारी के संकेत हो सकते हैं। इस प्रकार के लक्षणों से ओवरी कैंसर, इन्फेक्शन व अन्य कई बड़ी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।

कमजोरी: शरीर के किसी भी हिस्से में बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना, चेहरे या हाथ-पैर में सुन्न जैसा महसूस करना यह सब ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण है। ऐसे किसी भी लक्षण के महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए न की इन्हें नार्मल लक्षण मानकर अपनी सेहत के साथ कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए।