शरीर का स्वास्थ्य आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करता है। पाचन तंत्र की मदद से भोजन आपके शरीर की आवश्यकता को पूरा करता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और कोशिकाएं ठीक रहती हैं। बाबा रामदेव के अनुसार पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए खूब पानी पिएं, अपनी दिनचर्या सही रखें, पर्याप्त नींद लें। इसके अलावा पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए क्या करना चाहिए योग गुरु स्वामी रामदेव से जानिए-
कोई भी व्यक्ति जो आपको स्वस्थ दिखे, समझ लें कि उसकी पाचन क्रिया ठीक है। अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है या आपका वजन कम है तो आपको सही व्यायाम करने की जरूरत है ताकि आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहे। दरअसल, अच्छे पाचन तंत्र के बिना व्यक्ति का फिट होना तो दूर, स्वस्थ रहना भी मुश्किल है।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कई ऐसे लोग मिल जाते हैं, जिनका शरीर बेहद कमजोर होता है। ऐसा लगता है कि वे बहुत कम खाना खाते हैं, जबकि असल में वे सबसे ज्यादा खाते हैं। यह अलग बात है कि खाया हुआ खाना उनके शरीर में महसूस नहीं होता। इसका कारण यह है कि पाचन तंत्र ठीक नहीं रहता है। आइए जानते हैं कि इस समस्या से निजात पाने के लिए आप किन योगासनों को अपने जीवन में अपना सकते हैं।
वज्रासन
बाबा रामदेव के मुताबिक खाना खाने के बाद वज्रासन करने से पेट और गर्भाशय की मांसपेशियों को ताकत मिलती है। वज्रासन का नियमित अभ्यास जोड़ों के दर्द जैसे रोगों को दूर रखने में सहायक होता है। यह आसन वजन कम करने और शरीर को सुडौल बनाने में मदद करता है। वज्रासन के दौरान शरीर के मध्य भाग पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है। इस दौरान पेट और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन क्रिया ठीक रहती है।
विधि: इस आसन के लिए अपने दोनों घुटनों को मोड़कर पंजों के बल बैठ जाएं। अपने शरीर का पूरा भार अपने पैरों पर रखें। वज्रासन करते समय कमर सीधी रखें। अब इस स्थिति में 10 मिनट तक बैठें और लंबी सांसें लें।
नौकासन
बाबा रामदेव के मुताबिक इस आसन को नौकासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें आसन नाव की तरह होता है। पेट की चर्बी कम करने के लिए यह एक बहुत ही प्रभावी योगाभ्यास है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, साथ ही सिर से लेकर पांव तक लाभ पहुंचाता है।
विधि : सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। आपके हाथ जांघ के बगल में होने चाहिए और आपका शरीर एक सीधी रेखा में होना चाहिए। अब सांस भरते हुए अपने सिर और पैरों को 30 डिग्री पर उठाएं। धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें, इसे अपनी गति से बनाए रखें।
कपालभाति
बाबा रामदेव के मुताबिक कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से तनाव, दमा का रोग दूर हो जाता है। यह गैस, कब्ज और रक्त विकारों की समस्या को दूर करता है।
विधि: पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन या कुर्सी पर रीढ़, गला और सिर को सीधा करके बैठ जाएं। हाथों को घुटनों पर मजबूती से रखें। अपनी आँखें ढीली से बंद करें और तीन से चार सांसे लें। अब नासिका छिद्र से सामान्य सांस लें और नासिका छिद्र से हल्के झटके से सांस छोड़ें। पुनः सामान्य श्वास लेते हुए झटके के साथ श्वास छोड़ें। यह कपालभाति क्रिया है। इसमें आवृत्ति चक्रों की संख्या बढ़ाएं।
आयुर्वेदिक उपचार – पाचन तंत्र को ठीक करें
त्रिफला, तीन औषधीय फलों- आंवला, हरीतकी, बिभीतकी का एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक संयोजन, अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। त्रिफला पाचन तंत्र में गैस के संचय को रोकता है। यह पाचन तंत्र की मांसपेशियों की सिकुड़न में सुधार करता है और भोजन को पूरे पाचन तंत्र में ले जाने में मदद करता है।