Himba People in Namibia: दुनिया में कई जनजातियां हैं। उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो जंगलों में रहते हैं और उनके तरीके हमसे काफी अलग हैं। उनकी अपनी अजीबोगरीब जिंदगी जीने के कई तरीके होते हैं, जिन्हें जानकर हम हैरान रह जाते हैं। दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां महिलाएं पूरी जिंदगी में सिर्फ एक बार ही नहाती हैं। इसके बावजूद वह खुद को तरोताजा रखती हैं। इसके पीछा करने की सच्चाई जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं इन महिलाओं के बारे में-

नामीबिया एक खूबसूरत देश है जो अफ्रीका के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह देश में शानदार पहाड़ों, मछली, नदी, घाटी, घास के मैदानों और वन्य जीवन से युक्त बेहद लुभावना देश है। इन सभी की वजह से नामीबिया एक दिलचस्प पर्यटन स्थल एक रूप में जाना जाता हैं।

द गार्जियन के मुताबिक नामीबिया में हिम्बा जनजाति के अजीबोगरीब रिवाज ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया है। जो उन्हें लोकप्रिय बनाता है, वह न केवल उनके दिलचस्प रीति-रिवाजों से जुड़ा है, बल्कि उनके जीवन के तरीके, कपड़े और अर्थव्यवस्था से भी जुड़ा है।

किसानी से जुड़े हैं इस जनजाति के लोग

हिम्बा लोग मुख्य रूप से किसान हैं। वे पशुओं की विभिन्न नस्लों विशेषकर बकरियों, मवेशियों, भेड़ों आदि को पालती हैं। महिलाएं जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करती हैं, पीने योग्य पानी की तलाश करती हैं, खाना बनाती हैं और परिवार को खिलाती हैं। इसके साथ ही हाथ से कई बेहतरीन चीजें बनाती हैं। जनजाति के कुछ सदस्य धार्मिक और सामाजिक रूप से जुड़ाव रखते हैं। इस जनजाति के लोग अपने पूर्वजों के देवताओं की पूजा करते हैं। इस जनजाति की लड़कियों में कम उम्र में शादी करने के साथ ही एक अधिक विवाह करने का चलन है।

पानी से नहीं नहाती हैं हिम्बा जनजाति की महिलाएं

इस जनजाति की एक खास बात यह है कि ये पानी से नहीं नहाती हैं। ऐसा जलवायु परिस्थितियों के कारण है। हिम्बा लोग रेगिस्तानी जलवायु और पीने योग्य पानी की अनुपलब्धता के साथ पृथ्वी पर सबसे गर्म वातावरण में से एक में रहते हैं। हिम्बा जनजाति के लोग, जिन्हें ओमुहिम्बा या ओवाहिम्बा भी माना जाता है।

अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम नामीबिया के क्वैनन प्रांत में रहने वाली हिम्बा जनजाति (Himba Tribe Lifestyle) में यह परंपरा है कि महिलाएं जीवन में केवल एक बार ही स्नान करती हैं। महिलाएं सिर्फ उसी दिन नहाती हैं जिस दिन उनकी शादी होती है। इस जनजाति हिम्बा जनजाति उत्तरी नामीबिया में स्थित है और इस जनजाति की आबादी लगभग 50,000 है। यह कुनेन क्षेत्र (अब काकोलैंड) अंगोला में कुनेने नदी के दूसरी ओर था। उन्हें पानी का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यहां तक ​​कि उन्हें अपने कपड़े धोने तक से मना कर दिया जाता है। वे खुद को तरोताजा करने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाती हैं, जिससे उनकी त्वचा लाल हो जाती है।

हिम्बा जनजाति की महिलाएं धुएं से करती हैं स्नान

हिम्बा जनजाति की महिलाएं कुछ जड़ी-बूटियों को पानी में उबालकर उसके धुएं से अपने शरीर को तरोताजा रखती हैं। इससे नहाने के बाद भी वे तरोताजा रहते हैं और हर तरह के बैक्टीरिया से भी बचे रहते हैं। यहां की महिलाएं अपने शरीर पर एक तरह का लोशन भी लगाती हैं, जो यहां की महिलाओं को खूबसूरत और जवां बनाए रखने में मदद करता है।