DGP Gupteshwar Pandey: 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी और बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इन दिनों बेहद लाइमलाइट में बने हुए हैं। बिग बॉस फेम दीपक ठाकुर के म्यूजिक वीडियो में डीजीपी पांडेय बिहार के ‘रॉबिनहुड’ कहलाए जा रहे हैं। केवल इतना ही नहीं, बिहार के कई हिस्सों में उनकी पहचान सिंघम के रूप में भी होती है। लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने साल 2009 में वॉलन्ट्री रिटायरमेंट ली थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण वो वापस अपनी सर्विस में लौट आए। बिहार के बक्सर जिले के सुदूर गांव गेरुआबांध में जन्मे डीजीपी पांडेय दसवीं तक केवल भोजपुरी भाषा ही जानते थे। आइए जानते हैं उनका आईपीएस बनने तक का सफर –
बगैर कोचिंग के पाई सफलता: एक इंटरव्यू में आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय बताते हैं कि साल 1984 में जब उन्होंने पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा दी थी तो अच्छे नंबर आने के बावजूद वो चयनित नहीं हुए। फिर 1985 में उनका चयन बतौर आईआरएस हुआ और उन्होंने नौकरी भी जॉइन कर ली। पर असंतुष्टि के कारण उन्होंने एक बार और यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार आईपीएस बनकर ही दम लिया।
मूलभूत सुविधाओं तक का था अभाव : डीजीपी पांडेय बताते हैं कि छोटे से गांव में न तो अस्पताल थे, न ही सड़क और न बिजली थी। यहां तक स्कूल की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए वो कहते हैं कि आज भी उनके गांव में अस्पताल नहीं है।
25 किलोमीटर रोच चलते थे पैदल : वो कहते हैं कि दूसरे गांव में स्कूल जाने के लिए उन्हें रोज 25 किलोमीटर पैदल रास्ता तय करना पड़ता था। डिबिया की रोशनी में पढ़कर ही उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की है।
‘पटना जाना मने लंदन जाना’ : गुप्तेश्वर पांडेय ने ‘लल्लनटॉप’ के साथ अपने इंटरव्यू में बताया कि कॉलेज आने के बाद पहली बार उन्होंने खड़ी बोली का लोगों को इस्तेमाल करते हुए देखा। उन्होंने आगे की पढ़ाई पटना कॉलेज से पूरी की है। वो बताते हैं कि उस समय उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो पढ़ाई के लिए पटना पढ़ने जाएंगे। तब वो पहली बार ही पटना आए थें, वो कहते हैं कि उस समय पटना आना मामूली बात नहीं थी। तब का पटना जाना, आज के लंदन जाने के बराबर है। डीजीपी पांडेय बताते हैं कि यहीं से इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने संस्कृत में स्नातक किया। हालांकि, मास्टर्स करने के दौरान ही उनका मन सिविल सर्विसेज में जाने का हुआ और उन्होंने अपनी डिग्री पूरी नहीं की।
इस घटना ने किया था प्रभावित: वो कहते हैं कि बचपन में उनके घर में सेंधमारी हुई थी, पूछताछ में आए हवलदार ने उनके माता-पिता से बदसलूकी की। बाद में पता चला कि न तो कोई केस हुआ और न ही कोई मुकदमा दर्ज हुआ। तब से ही पुलिस के प्रति उपजे नकारात्मक इमेज को दूर करने के लिए वो इस क्षेत्र में आए।