पीएम मोदी को काला झंडा दिखाने के बाद कांग्रेस नेत्री रीता यादव सुर्खियों में थी। इसके कुछ दिन बाद उनपर जानलेवा हमला हुआ, उन्हें गोली मारी गई थी। इस हमले को राजनीतिक रूप देने की पूरी कोशिश की गई थी लेकिन अब यूपी पुलिस इस पूरी घटना की सच्चाई सामने लाने का दावा कर रही है। पुलिस ने इस घटना का खुलासा करते हुए बताया कि कांग्रेस नेत्री रीता यादव ने खुद अपने ऊपर गोली चलवाई थी ताकि उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट मिल सके। पुलिस ने रीता यादव समेत तीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

यूपी पुलिस ने किया साजिश का भंडाफोड़: गोलीबारी की घटना का खुलासा करते हुए यूपी पुलिस ने बताया कि 3 जनवरी की शाम को लंभुआ के लखनऊ-वाराणसी बाईपास के ओवर ब्रिज पर अज्ञात बाइक सवार व्यक्तियों द्वारा सुलतानपुर की कांग्रेस नेत्री रीता यादव (35) को गोली मारने की घटना हुई। इस गोलीबारी में रीता यादव के बाएं पैर में गोली लगी थी।

इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया था एसपी डॉ. विपिन कुमार मिश्र ने कांग्रेस नेत्री पर हुई हमले की घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच सीओ लंभुआ सतीश चंद्र शुक्ल को सौंपी थी। सीओ की निगरानी में लंभुआ इंस्पेक्टर नर्वदेश्वर तिवारी इस मामले की छानबीन कर रहे थे।  

साजिश रचने के आरोप में कांग्रेस नेत्री गिरफ्तार: पुलिस ने शुरूआती जांच और पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए सपा से कांग्रेस में आईं रीता यादव सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया रीता यादव ने अपने जानने वाले पूर्व ग्राम प्रधान माधव यादव के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने के लिए इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। पुलिस ने कांग्रेस नेता के अलावा ड्राइवर मुस्तकीम और धर्मेंद यादव को भी साजिश में शामिल होने के आधार पर जेल भेज दिया है।

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आपको बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के वक्त जब पीएम मोदी सुल्तानपुर पहुंचे थे तो रीता यादव उन्हें काला झंडा दिखाकर खूब सुर्खियां बटोरीं थी। रीता यादव पहले सपा में थी लेकिन कुछ दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी।