Bihar Election 2020: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) एक बार फिर से एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को नीतीश कुमार की जेडीयू ने अपने खाते से 7 विधानसभा सीटें दी हैं। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान जीतनराम मांझी की ‘हम’ महागठबंधन का हिस्सा थी। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी गया जिले की इमामगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं पर उनके बेटे संतोष कुमार सुमन इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे।
जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन फिलहाल HAM की संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 2015 विधानसभा चुनाव में संतोष कुटुंबा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे थे। पर पिछले विधानसभा चुनाव में उनको राजेश कुमार से हार का सामना करना पड़ा था। 2015 में कांग्रेस के राजेश कुमार ने संतोष कुमार सुमन को कुटुंबा विधानसभा में 10 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराया था। चुनाव हारने के बाद संतोष विधान परिषद के सदस्य बन गए।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन खूब पढ़े लिखे हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में एमए किया है। उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी बोधगया से पीएचडी भी की है। सन् 2000 में संतोष कुमार सुमन ने यूजीसी नेट की परीक्षा भी पास की थी।
2015 विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक उनपर 3 करोड़ से अधिक रुपयों की चल-अचल संपत्ति और 17 लाख रुपयों से ज्यादा की देनदारी थी।
संतोष कुमार सुमन को जीतनराम मांझी का राजनीतिक वारिस भी माना जाता है। गठबंधन से लेकर टिकटों के चयन तक संतोष कुमार सुमन जीतनराम मांझी को सलाह देते हैं। पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से दो साल पहले जीतनराम मांझी ने संतोष कुमार सुमन को पार्टी की संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था।
जीतनराम मांझी लगभग 9 महीने बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में जेडीयू की करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जीतनराम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। पर कुछ महीनों के बाद ही जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी। इसके बाद नाराज जीतनराम मांझी ने अलग पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन किया था।