मानस मनोहर

बरसात का मौसम है। पानी बरस रहा हो तो जबान कुछ चटोरी हो ही जाती है। कुछ चटपटा, कुछ मसालेदार खाने को मन मचल जाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा पकौड़े और चाट की तरफ ध्यान जाता है। मगर हर बार वही प्याज के पकौड़े और आलू की चाट खाने का मन नहीं होता। कुछ नया खाने का मन होता है। ऐसे में कुछ देसी आजमाएं और सेहतमंद खाएं।

दाल वड़े

दाल वड़ा शुद्ध रूप से देसी व्यंजन है। दक्षिण भारत में तो यह रेस्तरां में भी बिकता है। नारियल की चटनी और सांभर के साथ इसका आनंद लाजवाब होता है। वैसे हरी और मीठी चटनी के साथ भी इसका खूब मेल बैठता है। खाने में पकौड़े का स्वाद देता और सेहतमंद है। इसे घर में बनाना बहुत आसान है। यह चने की दाल से बनता है। पकौड़े में चने का बेसन इस्तेमाल होता है, इसमें सीधे चना दाल का उपयोग होता है। इसके लिए दाल को कम से कम पांच घंटे भिगोना पड़ता है।

यही इसकी लंबी तैयारी होती है। बेसन के पकौड़े की तरह इसे झटपट नहीं बनाया जा सकता। मगर कुछ अलग और स्वादिष्ट खाना है, तो थोड़ा सब्र तो करना ही पड़ता है। चना दाल के अलावा इसमें डालने के लिए एक मध्यम आकार का प्याज, कुछ हरी मिर्चें, थोड़े कढ़ी पत्ते और घर में रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले मसालों की जरूरत पड़ती है।

चना दाल को अच्छी तरह दो-तीन बार धोकर साफ पानी में रात भर के लिए या पांच-छह घंटे पहले भिगो दें। जब दाल अच्छी तरह भीग कर नरम हो जाए, तो उसका पानी निथार लें। एक चौथाई दाल को अलग करके बाकी दाल को मिक्सर में बिना पानी डाले दरदरा पीस लें। पिसी दाल में साबुत दाल को भी मिला दें। इससे दाल में अच्छा स्वाद आता है। अब प्याज, हरी मिर्च और कढ़ी पत्ता को बारीक-बारीक काट लें। इस सामग्री को भी दाल में मिलाएं। ऊपर से आधा छोटी चम्मच कुटी लाल मिर्च, आधा चम्मच गरम मसाला, चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर और जरूरत भर का नमक डाल कर हाथ या चम्मच से अच्छी तरह मिलाएं। अब उसमें से छोटा-छोटा हिस्सा लेकर चपटे आकार की टिक्कियां बना लें।

कड़ाही में तलने के लिए तेल गरम करें। सरसों के तेल में इन पकौड़ों का स्वाद अच्छा आता है। अगर आपको सरसों का तेल पसंद न हो तो दूसरे किसी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। रिफाइंड भी ले सकते हैं। तेल अच्छी तरह गरम हो जाए तो आंच मध्यम पर कर दें। न ज्यादा तेज न ज्यादा मद्धिम। अब चना दाल की टिक्कियों को इसमें डाल कर सुनहरा रंग आने तक पलट-पलट कर सेंक लें। ऊपर से खस्ता और भीतर से नरम चना दाल पकौड़े तैयार हैं। इन्हें खाने का आनंद नारियल की चटनी के साथ अधिक आता है। अगर चाहें तो इमली की चटनी या टमाटर-लहसुन की चटनी के साथ भी गरमा-गरम खा सकते हैं।

मटर चाट

चाट का नाम आते ही सबसे पहले दिमाग में आलू चाट की तस्वीर उभरती है। मगर चाट केवल आलू की नहीं बनती। दक्षिण भारत में हरी मटर की भी चाट बनती है और पश्चिम बंगाल में सफेद सूखी मटर की भी। दक्षिण भारत में मटर चाट के ऊपर खस्ता पूड़ी तोड़ कर डाली जाती है, जैसे उत्तर भारत में आलू चाट पर गोलगप्पे या पपड़ी तोड़ कर डाली जाती है। पश्चिम बंगाल में इसके साथ बेसन की सेव और नारियल का लच्छा परोसा जाता है। इस मौसम में हरी मटर तो उपलब्ध नहीं रहती, इसलिए सफेद सूखी मटर की चाट बनाते हैं। यह खाने में बहुत चटपटी और सेहतमंद होती है। इसमें तेल की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती। दालों में सबसे अधिक फाइवर मटर की दाल में पाया जाता है, इसलिए इसे खाने में किसी तरह का नुकसान भी नहीं है।

मटर की चाट बनाने के लिए पहले सूखी सफेद मटर को अच्छी तरह धोने के बाद साफ पानी में रात भर के लिए भिगो कर रख दें। सुबह पानी निथार लें और एक-दो बार और धो लें। फिर चौथाई गिलास पानी के साथ हल्दी और थोड़ा नमक डाल कर मध्यम आंच पर कुकर में तीन से चार सीटी आने तक उबाल लें। मटर को नरम होने में थोड़ा अधिक समय लगता है, इसलिए कम से कम तीन सीटी आने तक जरूर उबालना चाहिए।

कुछ लोग मटर को उबालते समय ही गरम मसाले वगैरह डाल कर घुघनी की तरह पका लेते हैं। कुछ लोग उबाल कर ऊपर से मसाले डालते हैं। उबाल कर चाट बनाने का फायदा यह है कि इसमें तेल की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती। उबली मटर की चाट बनाने के लिए प्याज, हरी मिर्च, हरा धनिया, चाट मसाला, थोड़ी कुटी लाल मिर्च और थोड़ा-सा गरम मसाला चाहिए होता है। इसके अलावा सबसे आवश्यक है इमली का गूदा। इसलिए जब मटर भिगोएं तभी अलग से इमली भी भिगो कर रख दें और बाद में मसल कर छान लें औ गूदा निकाल कर रख लें। इससे चाट में खट्टापन आता है और चाट का स्वाद बढ़ जाता है। प्याज, हरी मिर्च और धनिया को बारीक-बारीक काट कर अलग रख लें। इसमें ऊपर से डालने के लिए बेसन की भुजिया और थोड़े से कार्न फ्लेक्स भी ले लें, इससे स्वाद बढ़ जाता है।

मटर को उबालने के बाद देख लें कि वह अच्छी तरह नरम हो गई है या नहीं। अगर नहीं हुई है, तो एक-दो सीटी और लगा लें। फिर ठंडा कर लें। इसमें पानी बिल्कुल नहीं होना चाहिए। थोड़ा-बहुत पानी रह गया है तो मटर को चम्मच से मसलेंगे, तो वह उसमें जज्ब हो जाएगा। उबली मटर को अलग कटोरे में निकालें और उसमें इमली का तीन-चार चम्मच गूदा डालें और अच्छी तरह मिला दें।

फिर प्याज, हरी मिर्च और धनिया का आधा हिस्सा इसमें डालें और एक चम्मच चाट मसाला, आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च और आधा छोटा चम्मच गरम मसाला डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। इसे प्लेट या दोनों में परोसें और ऊपर से बेसन की भुजिया, कार्न फ्लेक्स, प्याज, हरी मिर्च और धनिया डालें। इस बरसात में यह चटपटी चाट अवश्य बनाएं।