पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर और शरद पवार की मुलाकात के बाद सियासी अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। राजनीतिक गलियारों में प्रशांत किशोर और शरद पवार की मुलाकात को 2024 से पहले तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने प्रशांत किशोर और शरद पवार की जोड़ी को ‘अजीब’ बताया है। अखबार के ल‍िए ल‍िखे अपने ताजा साप्‍ताह‍िक लेख में सरदेसाई ने कहा है कि 80 वर्षीय पवार और 44 वर्षीय प्रशांत किशोर को एक साथ लाने वाली एक ही चीज है और वह है ‘सत्ता की खुशबू’।

सरदेसाई ने ल‍िखा है कि प्रशांत किशोर और शरद पवार की साझेदारी के पीछे साल 2024 में मोदी को चुनौती देने के लिए मोदी विरोधी खेमे का उतावलापन नजर आता है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए लिखा कि राजनीतिक आईसीयू से बाहर आने में असमर्थ कांग्रेस को देखते हुए मोदी विरोधियों को तीसरे मोर्चे की संभावना आकर्षक नजर आती है।

सरदेसाई ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा कि ‘तीसरा मोर्चा ”अजीब राजनीतिक जानवर” है जो अक्सर धरती खोदकर बाहर निकल आता है, जब लगता है कि ये विलुप्त होने वाला है। उन्होंने कहा कि आज के भगवा राजनैतिक परिवेश में एकजुट तीसरे मोर्चे की सफलता की संभावना नहीं है। हाल के विधानसभा चुनाव बताते हैं कि क्षेत्रीय ताकतें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती दे सकती हैं। क्षेत्रीय ताकतों को एक साथ लाना, मोदी राज का राजनीतिक विकल्प चाहने वालों के लिए एक मौका हो सकता है।

राजदीप सरदेसाई ने विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि यह भी कठिन सवाल है कि राष्ट्रीय चुनाव में विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा? इस दौर में विश्वसनीय राजनीतिक फैसले के लिए नेतृत्व जरूरी है। यह दुविधा भी है कि क्या विपक्ष, मोदी के सामने एक नेता खड़ाकर उन्हें चुनौती देना चाहता है या 543 सीटों पर राज्यवार गठबंधन बनाना चाहता है?

बता दें क‍ि राजदीप सरदेसाई का यह लेख ‘ह‍िंदुस्‍तान टाइम्‍स’ अखबार में छपा है। इसका अनुवाद ‘दैन‍िक भास्‍कर’ में भी छपा है। उन्‍होंने अपने ट्व‍िटर हैंडल पर भी इसे साझा क‍िया है। यहां उनके इस लेख पर लोगों की टिप्पणी भी आ रही है।अंजू चोपड़ा नाम की यूजर ने ट्विटर पर लिखा, ‘शरद पवार, ममता बनर्जी से लेकर राहुल गांधी तक, सब पीएम बनना चाहते हैं लेकिन किसी ने वोटर्स से नहीं पूछा कि आखिर वे क्या चाहते हैं।’

श्रीधर राम ने सवाल किया, ‘सरदेसाई जी, क्या आप कहना चाहते हैं कि बीजेपी के शासन से आप खुश हैं?  रवि जेशवानी ने सवाल किया, ‘अगर कांग्रेस राहुल गांधी को लेकर अपने कदम पीछे भी खींच ले तो पीएम के लिए उसके पास और विकल्प ही क्या हैं? एक भी कांग्रेसी ऐसा नहीं है जिसकी पीएम मोदी से रत्तीभर भी तुलना की जा सके।’