देश और बिहार की राजनीति में अपना परचम लहराने वाले लालू प्रसाद यादव के परिवार को बिहार का पहला राजनीतिक परिवार कहा जाता है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लालू प्रसाद ने बहुत मेहनत की है। अपने खास अंदाज के लिए चर्चित लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की शादी 1 जून 1973 को हुई थी। दोनों की शादी का किस्सा भी दिलचस्प है।राबड़ी देवी लालू से उम्र में 11 साल छोड़ी हैं। शादी के सालभर के बाद दोनों ने एक-दूसरे की सूरत देखी थी। आइए जानते हैं लालू प्रसाद और राबड़ी देवी से जुड़ी दिलचस्प बातें…

यूं तय हुई थी शादी: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राबड़ी देवी का परिवार एक संपन्न चौधरी परिवार था, जिसके पास अच्छी-खासी जमीन और प्रॉपर्टी थी। वहीं, लालू प्रसाद के परिवार की स्थिति उस समय बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन राबड़ी देवी के पिता शिव प्रसाद चौधऱी चाहते थे कि उनकी बेटी की शादी किसी पढ़े-लिखे लड़के से हो। वे लालू प्रसाद की प्रतिभा से प्रभावित थे। हालांकि उनके भाई इस शादी के खिलाफ थे। उनका कहना था कि राबड़ी पक्के मकान और तमाम सुख-सुविधाओं में पली हैं और वे लालू के परिवार में एडजस्ट नहीं कर पाएंगी। हालांकि तमाम मुश्किलों के बीच दोनों का रिश्ता तय हुआ। शादी के वक्त लालू की उम्र 25 साल थी, जबकि राबड़ी सिर्फ 14 साल की थीं।

गौने के बाद देखी सूरत: लालू यादव की आत्मकथा ”From Gopalganj to Raisina” के मुताबिक उनकी और राबड़ी देवी की शादी 1973 में हुई थी। सालभर बाद 1974 में गौने के बाद राबड़ी देवी पहली बार लालू के फुलवारिया स्थित घर में आईं। अपनी आत्मकथा में लालू ने लिखा है कि जब राबड़ी देवी गौने के बाद उनके घर आईं, तब उन्होंने पहली बार उनकी सूरत देखी थी। शादी से लेकर गौने तक दोनों ने एक-दूसरे को नहीं देखा था।

फूस की झोपड़ी देख घबरा गई थीं: जब राबड़ी ने गौने के बाद पहली बार लालू के घर कदम रखा तो फूस की झोपड़ी देख वह घबरा गई थीं। हालांकि उनका हौंसला नहीं डिगा और तमाम मुश्किलों से सामंजस्य बैठाती गईं। बकौल लालू यादव, कई बार बारिश के दौरान उनका घर झरना बन जाता था, लेकिन राबड़ी ने एडजस्‍ट किया और बुरे वक्त में भी उनके साथ खड़ी रहीं।

जब राबड़ी ने संभाली सीएम की कुर्सी : चारा घोटाले में लालू प्रसाद का नाम आने के बाद उन्हें ऐसा लगा कि उनकी गिरफ्तारी कभी भी संभव है। ऐसे में उन्होंने उस वक्त एक ऐसा राजनीतिक दांव खेला, जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया। इस तरह राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं।