रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम किया था। प्रशांत किशोर ने कई जगह ये स्वीकार किया है कि वह उनकी हार थी। लेकिन इसके साथ वह अक्सर कहते रहते हैं कि वह प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस में इसके लिए सहमति नहीं बन पा रही थी। प्रशांत किशोर ने बताया था कि राहुल और प्रियंका में से कौन बेहतर कांग्रेस अध्यक्ष हो सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने प्रशांत किशोर से सवाल पूछा था, ‘आप प्रियंका को यूपी मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना चाहते थे? लेकिन फिर अचानक क्या हुआ?’ प्रशांत कहते हैं, ‘ये मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, लेकिन वो नहीं हो पाया।’ बरखा दत्त तुरंत अगला सवाल पूछती हैं, ‘क्या प्रियंका गांधी बेहतर कांग्रेस अध्यक्ष बन सकती हैं?’ प्रशांत किशोर इस सवाल का जवाब देने से भी बचते हैं, लेकिन बरखा उनसे इस पर बोलने के लिए कहती हैं।

राहुल गांधी के पक्ष में क्या बोले? प्रशांत किशोर थोड़ा सा मुस्कुराते हुए बोलते हैं, ‘मैं कहूंगा कि इसका जवाब अच्छे से कांग्रेस के लोग दे सकते हैं। क्योंकि वही लोग ये चुनते हैं कि उनका नेता कौन होगा। मुझे लगता है कि राहुल गांधी बिल्कुल ठीक व्यक्ति हैं कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए। राहुल को कम से कम 5 या 10 साल तो देने चाहिए। अगर वो पांच साल कांग्रेस अध्यक्ष रहते हैं और पार्टी की स्थिति में कोई सुधार नहीं होता तो मुझे लगता है कि आपको ये सवाल तब मुझसे पूछना चाहिए। वह कोशिश कर रहे हैं जो भी वो कर सकते हैं।’

कांग्रेस से क्यों अलग हुए थे प्रशांत किशोर: 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रशांत किशोर अचानक कांग्रेस से अलग हो गए थे। बाद में इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, ‘मैंने कांग्रेस के लिए अच्छा प्लान बनाया था। कर्ज माफी से लेकर तमाम अहम मुद्दों को उठाया, लेकिन समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाकर कांग्रेस ने सब खत्म कर लिया। मेरी गलती ये रही कि उस प्लान में भागीदारी नहीं होने के बाद भी मैंने खुद को उससे अलग नहीं किया। बाद में फिर मैंने राहुल गांधी से मुलाकात की और हाथ जोड़कर अलग होने के बारे में बताया।’