ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मदर्स अक्सर स्तनपान को गर्भनिरोधक के तौर पर देखती है। महिलाओं को लगता है कि वो बच्चे की फीडिंग करा रही हैं इसलिए वो दोबारा जल्दी प्रेग्नेंट नहीं हो सकती। ये सच है कि जो मदर्स बच्चे को फिडिंग कराती हैं उनकी प्रजन्न क्षमता कम हो जाती है। प्रजन्न क्षमता कम होने का मतलब ये नहीं है कि आप फर्टाइल नहीं है। बच्चे के जन्म के बाद कुछ महीनों तक पीरियड नहीं होना कोई परेशानी की बात नहीं है जो अक्सर फीडिंग कराने वाली मदर्स के साथ होता है।

अक्सर देखा जाता है कि डिलीवरी के एक साल बाद तक अगर आप बच्चे को फीडिंग करा रही हैं तो आपका पीरियड साइकिल रेगूलर नहीं रहता। इस दौरान पीरियड साइकिल बिगड़ने पर महिलाएं समझती हैं कि वो प्रेग्नेंट नहीं हो सकती लेकिन ये सच नहीं है। डॉ अश्विनी नाबर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने बताया है कि आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं तो भी आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि फीडिंग कराने वाली महिलाएं अगर प्रेग्नेंट होती है तो उसके लक्षणों की पहचान कैसे करें।

ब्रेस्ट मिल्क में कमी आना:

ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं और आप प्रेग्नेंट हो गई है तो आपकी बॉडी में उसका लक्षण दिखने लगेगा। ब्रेस्ट मिल्क में कमी आना आपके प्रेग्नेंट होने के लक्षण हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान लैक्टेशन संबंधी हार्मोन और हार्मोन के बीच टकराव होता है। प्रेग्नेंट होने पर बच्चे की भूख शांत नहीं होगी बच्चा दूध से बार-बार मुंह छुटाएगा। दूध के उत्पादन में कमी होने पर बच्चा निपल्स को मुंह से निकालेगा और रोएगा।

ब्रेस्ट में दर्द होना:

ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं और कंसीव कर चुकी हैं तो आपके ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। निपल्स में दर्द और संवेदनशीलता आपके दोबारा प्रेग्नेंट होने के लक्षण हैं।

पेट का साइज जल्दी बढ़ना भी प्रेग्नेंसी के संकेत:

आप पहली बार प्रेग्नेंट होती हैं तो 20 हफ्तों में आपका पेट दिखना शुरू होता है लेकिन जब आप दूसरी बार मां बनती हैं तो पेट जल्दी बाहर आने लगता है। दूसरी प्रेग्नेंसी में पेट जल्दी बाहर आने का सबसे बड़ा कारण डिलीवरी के बाद गर्भ और पेट की मांसपेशियों का ढीला होना है।

बहुत अधिक थकान होना:

फीडिंग के दौरान दूसरी प्रेग्नेंसी होने पर आपको जरूरत से ज्यादा थकान रहेगी। फीडिंग कराने वाली महिला के प्रेग्नेंट होने पर उसके शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। महिला ज्यादा थकान महसूस करती है और नींद बेहद आती है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण गर्भवती महिला को मतली और थकान का अनुभव होता है।