यह हम सभी जानते हैं कि होने वाली माँ के खान-पान का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। अगर आप स्वस्थ आहार लेती हैं तो शिशु का स्वास्थ्य अच्छा रहता है वहीं आपकी अस्वस्थ दिनचर्या बच्चे के स्वास्थ्य को भी उतना ही प्रभावित करती है जितना कि आपको। अब एक अध्ययन में यह साफ किया गया है कि गर्भवती महिला अगर उच्च ग्लूटन युक्त डाइट लेती है तो इससे बच्चे में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं शोध की बारीकियां।
शोध में कहा गया है कि अगर गर्भवती महिला एक दिन में 20 ग्राम या उससे ज्यादा ग्लूटन का सेवन करती हैं तो इससे उनके होने वाले शिशु में टाइप-1 डायबिटीज का खतरा उन महिलाओं के होने वाले शिशु से अधिक होता है जो दिनभर में 7 ग्राम से कम ग्लूटन का सेवन करती हैं।
स्टडी में 63,529 गर्भावती महिलाओं ने भाग लिया जिसमें प्रश्नावली के जरिए 25वें सप्ताह में महिलाओं के आहार पर अध्ययन किया। औसत रुप से महिलाएं दिनभर में 13 ग्राम ग्लूटन का सेवन कर रही थी। शोध के परिणामों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में ग्लूटन इंटेक के बढ़ने से होने वाले शिशु में टाइप-1 डायबिटीज का खतरा बढ़ा है। भाग लेने वाली महिलाओं के बच्चों में से टाइप-1 डायबिटीज के 247 मामले पाएं गए।
ग्लूटन प्रोटीन का ही दूसरा नाम है जो कि राई, गेंहू, बार्ली आदि अनाजों में पाया जाता है। इससे पहले जानवरों में की गए स्टडी में पाया गया था कि गर्भावस्था के दौरान ग्लूटन फ्री डाइट लेने से टाइप-1 डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है।
बता दें कि टाइप-1 डायबिटीड एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसके दौरान शरीर इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है। अगर इसका इलाज ना किया जाए तो यह हार्ट और आई डैमेज का कारण बन सकती है। यह रिसर्च ब्रिटिश के मेडिकल जर्नल द बीएमजे में प्रकाशित हुआ है।