Breastfeeding: मां बनना हर महिला के लिए एक खास और अलग अनुभव होता है। प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग करानी पड़ती है क्योंकि मां का दूध बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी और फायदेमंद होता है। मां के दूध में वो सारे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी होते हैं। ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली महिलाओं के शरीर में भी कई परिवर्तन आने लगते हैं। इसके अलावा यह जितना आसान लगता है उतना होता नहीं है क्योंकि ब्रेस्ट फीडिंग करवाते समय महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं उनके बारे में-
ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मां को ये दिक्कतें आती हैं-
– ब्रेस्ट में दर्द: कई बार ब्रेस्ट फीडिंग वाली महिलाओं के ब्रेस्ट में दर्द होने लगता है। ऐसा होने के पीछे का कारण ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान बच्चे का सही पोजिशन ना होना हो सकता है या फिर पर्याप्त मात्रा में बच्चे को दूध ना मिल पाना हो सकता है। यदि आप इस समस्या का सामना लगातार कर रही हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
उपाय: इस समस्या से बचने के लिए ब्रेस्ट फीडिंग करवाते वक्त अपने बच्चे के मुंह को इंडेक्स फिंगर की मदद से ब्रेस्ट में प्लेस करें। जब आपका बच्चा सही पोजिशन ले लेगा तो उसकी ठुड्डी और नाक आपके ब्रेस्ट को टच करेगी। यह आपको इस दर्द से निजात दिला सकता है।
– ब्रेस्ट से ब्लड आना: ब्रेस्ट फीडिंग के पहले सप्ताह के दौरान, बच्चा दूध पीना सिख रहा होता है जिस वजह से कई बार ब्रेस्ट से खून निकलने लगता है। थोड़ा ब्लड आने से आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा।
उपाय: अपने बच्चे के पोजिशन को जरूर चेक कर लें। इसके अलावा बच्चा जितना भूखा रहेगा उतनी तेजी से ब्रेस्ट को सक करेगा। इसलिए कोशिश करें हर थोड़े समय पर उन्हें दूध पिलाने की।
– ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान बच्चे का सो जाना: पहले कुछ महीनों में ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान बच्चों का सो जाना काफी आम बात होती है। ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
उपाय: दूध का फ्लो जैसे ही कम होने लगता है आपके बच्चे को नींद आने लगती है, ऐसे में आप अपने बच्चे का मुंह हर थोड़े समय में बाहर निकालें। ऐसा करने से उन्हें नींद नहीं आएगी।
– मास्टिटिस: मास्टिटिस आपके ब्रेस्ट में होने वाली एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो ब्रेस्ट में दर्द होने के कारण हो सकता है। यह बच्चे के जन्म के बाद, पहले कुछ हफ्तों के अंदर होना आम है (हालांकि यह वीनिंग के दौरान भी हो सकता है)।
उपाय: इंफेक्शन का इलाज करने का एकमात्र पर्याप्त तरीका एंटीबायोटिक दवा और हॉट कम्प्रेस होता है।