डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए दवाईयों के अलावा कुछ बेहतरीन हर्ब्स भी मौजूद हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होती हैं। कुछ मेडिसिनल प्लांट की पत्तियां इंसुलिन से भरपूर होती हैं अगर सुबह खाली पेट इन पत्तियों को खाया जाए तो आसानी से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। इन पत्तियों को खाने के बाद खाने से शुगर बढ़ने का स्तर धीमा हो जाता है।
अपने आयुर्वेदिक गुणों के लिए मशहूर गुरमार के पौधे की 3-4 पत्तियां अगर रोज़ाना सुबह खाली पेट चबा ली जाएं तो आसानी से पूरा दिन ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। वेबएमडी की खबर के मुताबिक गुड़मार की पत्तियां नेचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन करती हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है। आइए जानते हैं कि इन पत्तियों को रोज़ाना सुबह खाने से कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है।
गुड़मार की पत्तियां कैसे शुगर को कंट्रोल करती हैं?
जर्नल ऑफ हर्ब्स, स्पाइसेस एंड मेडिसिनल प्लांट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि गुड़मार जिमनेमिक एसिड, जिमनेमासाइड्स, एंथ्राक्विनोन, फ्लेवोन, हेनट्रीकॉन्टेन, पेंटाट्रियाकॉन्टेन, फाइटिन, रेजिन, टार्टरिक जैसे कई सक्रिय यौगिकों में समृद्ध होता है। एसिड, फॉर्मिक एसिड, ब्यूटिरिक एसिड, ल्यूपोल और अल्कलॉइड जैसे जिमनामिन, जो इसे एंटीडायबिटिक गुणों से भरपूर बनाता हैं इनका सेवन करने से डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
गुरमार या जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जो भारत के लिए स्वदेशी है और देश के मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी भागों के उष्णकटिबंधीय जंगलों में बढ़ता है। ये औषधीय जड़ी बूटी अपने आयुर्वेदिक गुणों के लिए जानी जाती है। गुरमार मधुमेह, मलेरिया और यहां तक कि सांप के काटने और पाचन संबंधी समस्याओं जैसी विभिन्न बीमारियों का उपचार करने में फायदेमंद साबित होती है।
फ्लेवोनॉयड्स, सिनैमिक एसिड, फोलिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड से भरपूर गुड़मार के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। रोजाना इन पत्तों को चबाने से ब्लड शुगर नॉर्मल रहती है। वेबएमडी के अनुसार, गुड़मार में ऐसे पदार्थ होते हैं जो आंत से चीनी के अवशोषण को कम करते हैं और इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकते है। ये पत्ते पैंक्रियाज में कोशिकाओं के विकास को बढ़ा सकते है। पैंक्रियाज ही वो जगह है जहां इंसुलिन का निर्माण होता है।
गुड़मार के पत्तों का सेवन कब करें:
दोपहर और रात के खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच गुड़मार के पत्तों का चूर्ण पानी के साथ लेने से शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा इस जड़ी-बूटी में जिम्नेमिक एसिड मौजूद होता है जो आपकी जीभ पर शुगर रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देता है, जिससे मिठास का स्वाद लेने की आपकी क्षमता कम हो जाती है। इससे शुगर क्रेविंग कम हो सकती है।