बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को फिलहाल चारा घोटाले में जमानत मिल गई है। लालू के जेल से बाहर आते ही राजनीति में उनकी चर्चा तेज हो गई है। लालू यादव के समर्थक सोशल मीडिया पर लगातार उनके पुराने किस्से साझा कर रहे हैं। एक ऐसा ही किस्सा 90 के दशक का है। उस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और लाल कृष्ण आडवाणी राम मंदिर के लिए आंदोलन कर रहे थे।

आडवाणी की गिरफ्तार से पहले दिल्ली पहुंचे लालू: लालू यादव ने अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज से रायसीना: मेरी राजनीतिक यात्रा’ में एक किस्से का जिक्र किया है। उस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद। लालू प्रसाद यादव लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को हर हाल में रोकना चाहते थे, लेकिन कई बड़े अधिकारी भी ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थे। लालू यादव ने अपने बुक में लिखा, ‘मुझे किसी ने आडवाणी को गिरफ्तार करने के लिए नहीं कहा था। गृह मंत्री ने तो मुझे दिल्ली बुलाकर इस बारे में जानकारी भी ली थी।’

केंद्रीय गृह मंत्री को लालू का जवाब: लालू यादव आगे लिखते हैं, ‘तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा, ‘आप इसे अपने ऊपर क्यों लेना चाहते हैं? रथ यात्रा को जारी रहने दीजिए। मैंने बेहद सख्त लहजे में उन्हें जवाब दिया, ‘आप सबको सत्ता का नशा चढ़ गया है।’ इसके बाद पीएमओ में भी व्यस्तताएं बढ़ गईं। यहां हिंदू धर्मगुरुओं ने इसी बात पर जोर दिया कि ये रथ यात्रा नहीं रोकी जानी चाहिए। समझौते सं संबंधित कई मामलों पर चर्चा भी हुई लेकिन इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई।’

आडवाणी को लालू यादव ने किया गिरफ्तार: 23 अक्टूबर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल आडवाणी ने 25 सितंबर को गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अपनी रथ यात्रा की शुरुआत की थी। ये यात्रा 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचनी थी। उस दौरान वह समस्तीपुर के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। यहां लालू ने फोन करके पहले ही पूरी जानकारी ले ली। लालू ने एक पत्रकार बनकर उन्हें फोन किया था और ये पक्का होने के बाद कि अब वहां कोई नहीं है तो उन्हें लाल कृष्ण आडवाणी को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।