लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी करवाई थी। इस पर काफी विवाद भी हुआ था। लेकिन लालू अपनी बात पर अड़े रहे थे। लालू ने माहौल पर काबू पाने के लिए लाल कृष्ण आडवाणी को गेस्ट हाउस में नजर बंद रखा था। लाल कृष्ण आडवाणी तब एक बड़े नेता थे और वह राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे थे। गिरफ्तार के बाद आडवाणी ने लालू से पत्नी से बात करवाने की अपील की थी।
लालू ने अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज से रायसीना: मेरी राजनीतिक यात्रा’ में इस किस्से का जिक्र किया है। लाल कृष्ण आडवाणी ने गिरफ्तारी के बाद अपनी पत्नी कमला आडवाणी से फोन पर बात करने की गुजारिश की थी। लालू प्रसाद यादव लगातार उनसे फोन पर बात करते थे, लेकिन आडवाणी की इस गुज़ारिश पर वह सोचने को मजबूर हो गए थे। लालू लिखते हैं, ‘कई बड़े अधिकारियों और साथियों ने मुझे फोन करने की इजाजत नहीं देने के लिए कहा, लेकिन मैंने ऐसा करने की इजाजत दी।’
लालू प्रसाद यादव ने लिखा था,’ मैं इस अनुरोध को स्वीकार करने से पहले कई बार सोचने लगा था। ऐसे में हो सकता है कि वह कोई ऐसी बात कह दें, जिससे माहौल खराब हो जाए या कुछ गोपनीय बात साझा कर दें। खैर, मैंने इजाजत दे दी और कमला आडवाणी से उनका बात होने लगी। एक वरिष्ठ पत्रकार ने कमला आडवाणी से कहा कि जब वह बात कर रही हों तो वो आडवाणी का इंटरव्यू फोन से करना चाहते हैं। इसी क्रम में पत्रकार ने आडवाणी से दूसरे छोर से बात करने का प्रयास किया।’
होने लगा था विरोध: लालू यादव ने आगे लिखा, ‘लाल कृष्णा आडवाणी से जब पत्रकार ने बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया। क्योंकि आडवाणी ने मुझे वायदा किया था कि वह इस दौरान सिर्फ अपनी पत्नी से ही बात करेंगे और उन्हें अपने वायदे को कायम रखने के लिए ऐसा किया। लेकिन बाद में उस वरिष्ठ पत्रकार ने ये खबर फैला दी कि उन्होंने आडवाणी से बात की है और बीजेपी बहुत जल्दी वी.पी सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाली है। इसके बाद दुमका के जिलाधिकारी को सस्पेंड करने की मांग उठी।’