डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो ब्लड में ग्लूकोज का स्तर अधिक होने से होती है। ब्लड में मौजूद ग्लूकोज हमारी ऊर्जा का अहम स्रोत होता है जो हमें भोजन से प्राप्त होता है। इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन जो भोजन से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है।
कभी-कभी बॉडी पर्याप्त-या कोई भी-इंसुलिन नहीं बनाती। कई बार इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाती तो ग्लूकोज ब्लड में मौजूद रहता है। जब ग्लूकोज ब्लड में रहता है जब कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता तो ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती है।
ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ना ही डायबिटीज है जिसका कोई इलाज नहीं है बस इसे डाइट, एक्सरसाइज और दवाईयों से कंट्रोल में रखा जा सकता है। यदि इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो डायबिटीज की बीमारी कई जटिलताओं का कारण बन सकती है, जो शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के बढ़ने से किन बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
दिल की बीमारी: ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से मरीज को दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। दिल की बीमारी डायबिटीज की जटिलताओं में से एक है।
स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है: डायबिटीज के मरीजों को स्ट्रॉक का खतरा हो सकता है। स्ट्रोक के लक्षणों में चेहरे या शरीर के एक तरफ अचानक कमजोरी हो जाती है। चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नता, बोलने में कठिनाई, दोनों आंखों से देखने में परेशानी, या चक्कर आना स्ट्रॉक के लक्षण हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
किडनी की परेशानी: डायबिटीज का असर सिर्फ दिल पर ही नहीं होता बल्कि किडनी पर भी इसका असर देखने को मिलता है। डायबिटीज के मरीज अपना ब्लड प्रेशर लगातार चेक करते रहें। किडन की बीमारी को कम करने के लिए ब्लड प्रेशर का कंट्रोल होना जरूरी है।
डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी (आंखों को नुकसान): डायबिटीज के मरीजों को कम से कम साल में एक बार आंखों को नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। डायबिटीज आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
गैस्ट्रोपेरेसिस का खतरा बढ़ सकता है: डायबिटीज बढ़ने से आपको गैस्ट्रोपेरेसिस का खतरा बढ़ सकता है। गैस्ट्रोपेरिसिस से पेट की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और ठीक से काम करना बंद कर देती।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा बढ़ सकता है: डायबिटीज बढ़ने से मरीज में इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है। पुरुषों के लिए, हेल्दी लाइफस्टाइल जैसे धूम्रपान छोड़ना, नियमित व्यायाम करना और तनाव कम करना, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने के लिए जरूरी है।
स्किन की समस्याएं बढ़ सकती हैं: ब्लड में ग्लूकोज का उच्च स्तर बैक्टीरिया और कवक के लिए माकूल माहौल तैयार करता है जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीजों को स्किन से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है: टाइप 2 डायबिटीज आपके शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को धीमा कर देता है। कमजोर इम्युनिटी होने पर बैक्टीरिया बढ़ते हैं और संक्रमण अधिक तेज़ी से विकसित होता है।