कपिल सिब्बल ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सिब्बल (Kapil Sibal) ने समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए निर्दलीय नामांकन किया। पत्रकारों से बातचीत में कपिल सिब्बल ने खुलासा किया कि वह कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि 16 मई 2022 को ही कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था।
कपिल सिब्बल का जन्म 8 अगस्त 1948 को पंजाब के जालंधर में एक हिंदू परिवार में हुआ था। पिता का नाम हीरा लाल सिब्बल और माता का नाम रानी सिब्बल है। कपिल के पिता भी देश के जाने-माने वकील थे. साल 2006 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
स्कूली शिक्षा के के बाद कपिल सिब्बल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से LLB में स्नातक किया। 1970 के दशक में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद प्रैक्टिस शुरू की। कपिल सिब्बल ने साल 1973 में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता भी हासिल की, लेकिन उन्होंने आईएएस की नौकरी से इनकार करते हुए अपनी कानूनी प्रैक्टिस जारी रखने का फैसला लिया।
नौकरी से इनकार के बाद कपिल सिब्बल LLM की पढ़ाई करने हॉवर्ड चले गए और साल 1977 में डिग्री हासिल कर वापस भारत लौटे।
कपिल सिब्बल की नेटवर्थ
कपिल सिब्बल की नेटवर्थ किसी उद्योगपति से कम नहीं है। साल 2016 में राज्यसभा में नामांकन के वक्त दिये एफिडेविट में सिब्बल ने अपनी कुल संपत्ति लगभग 212 करोड़ रुपये बताई थी।
कपिल सिब्बल को है गाड़ियों का शौक
कपिल सिब्बल को गाड़ियों का भी काफी शौक है। राज्यसभा में अपने नामांकन के समय दाखिल किए एफिडेविट में उन्होंने बताया था कि उनके पास 6 कार और दो बाइक है। जिसमें मर्सिडीज जीएलसी (2015 मॉडल), टोयोटा कोरोला (2003 मॉडल), हुंडई सोनाटा (2001 मॉडल), सुजुकी जीप (1995 मॉडल), टोयोटा कैमरी (2016 मॉडल), मारुति डिजायर (2012 मॉडल) और बाइक संग्रह में रॉयल एनफील्ड बुलेट स्टैंडर्ड (1996 मॉडल), हीरो स्प्लेंडर (2016 मॉडल) है।
कपिल सिब्बल का करियर
साल 1989 और 1990 के बीच भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पर रहते हुए कपिल सिब्बल को असली पहचान तब मिली जब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी रामास्वामी के ऊपर महाभियोग का मामला संसद में चल रहा था। इस दौरान कपिल उनके बचाव में कोर्ट पहुंच गए थे, इस मामले में कपिल ने जिस तरह से जस्टिस वी रामास्वामी का बचाव किया था। उससे उन्हें पूरे देश में एक खासी पहचान मिली। इसके अलावा कपिल सिब्बल तीन बार वर्ष 1995-96, 1997-98 और 2001-2002 सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे।
कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) का राजनीतिक करियर
तत्कालीन प्रधानमंत्री पी नरसिम्हा राव की नजर कपिल सिब्बल पर जस्टिस वी रामास्वामी के केस के दौरान पड़ी थी। सिब्बल के बोलने के तौर तरीके और कोर्ट में दलील रखने की अद्भुत कला से नरसिम्हाराव काफी प्रभावित हुए थें। साल 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट ऑफर करते हुए नरसिम्हा राव ने ही कपिल सिब्बल को राजनीति में आने का न्योता दिया था। हालांकि भाजपा की उम्मीदवार सुषमा स्वराज ने उनको चुनाव में हराकर उनके सांसद बनने के सपने को तोड़ दिया।
राजनीतिक पद | कार्यकाल |
सांसद, राज्यसभा | 5 जुलाई 2016-पदस्थ |
कानून मंत्री, भारत सरकार | 11 मई 2013 – 26 मई 2014 |
सूचना एवं संचार तकनीकी मंत्री | 19 जनवरी 2011 – 26 मई 2014 |
मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार | 29 मई 2009 – 29 अक्टूबर 2012 |
विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री | 23 मई 2004 – 22 मई 2009 |
पृथ्वी विज्ञान मंत्री | 29 जनवरी 2006 – 22 मई 2009 |
सांसद, लोक सभा | 10 मई 2004 – 16 मई 2014 |
कपिल सिब्बल ने दो बार रचाई थी शादी
कपिल सिब्बल ने 13 अप्रैल 1973 को नीना सिब्बल से विवाह किया। लेकिन साल 2000 में पहली पत्नी का निधन हो गया। जिसके बाद सिब्बल ने साल 2005 में सामाजिक कार्यकर्ता प्रोमिला से दूसरी शादी की। बता दें कि पहली पत्नी नीना सिब्बल से कपिल के दो बेटे अमित और अखिल हैं।