लौटते मानसून का समय सब्जियों को लेकर एक असमंजस भी पैदा करता है। जुबान से आम सब्जियों का स्वाद उतर चुका होता है और कुछ अलग सा खाने का मन करता है। ऐसी कुछ सब्जियां हैं जो खाने में अलग स्वाद का विकल्प देती हैं। ऐसा ही स्वादिष्ट विकल्प है ककोड़े की सब्जी। इसके साथ ही हल्के-फुल्के पौष्टिक नाश्ते में फलों का सलाद एक बेहतरीन विकल्प है जो घर में सबको पसंद आ सकता है।
ककोड़े से नाता जोड़ें
जब बच्चे घर में करेले का नाम सुनते ही कोहराम मचा दें, विद्रोह पर उतर आएं तो उन्हें पुचकार कर इस मौसम की सबसे पौष्टिक सब्जी जंगली करेला बड़े आराम से खिला सकते हैं। जंगली करेला सुनकर चकराइए नहीं। कई बीमारियों में लाभकारी माने जाने वाले ककोड़े को ही जंगली करेला कहा जाता है। इसमें करेले जैसे अनेक गुण होते हैं, जिसके कारण ही इसे जंगली करेला भी कहा जाता है। इसकी सब्जी बहुत ही लाजवाब बनती है। वैसे तो यह अब हर मौसम में मिलने लगा है, लेकिन उतरती बरसात में यह सबसे अधिक उपजता है। इसे कंटोला भी कहा जाता है। अमूमन अंडाकार में पाए जाने वाले ककोड़े पर कांटे होते हैं।
ककोड़े को पहले जंगली सब्जी ही समझा जाता था। अपने गुणों के कारण अब यह करेले जैसा लोकप्रिय हो रहा है। इसे पकाने की विधि भी कुछ-कुछ करेले जैसी ही होती है। सबसे पहले ककोड़े को पानी में अच्छी तरह धोकर साफ कर लें। अच्छा यह रहेगा कि इसे काटने के पहले पानी से भरे बर्तन में दस मिनट के लिए छोड़ दें। फिर पानी सुखा कर करेले की तरह गोल या लंबा काट कर बना सकते हैं।
बनाने की विधि
कड़ाही को गरम कर उसमें अपना मनपसंद खाद्य तेल डालें। तेल गर्म हो जाने पर उसमें हींग और जीरा डालकर उन्हें चटकने दीजिए। इसके बाद हल्दी पाउडर, हरी मिर्च, बारीक कटी अदरक, धनिया पाउडर और सौंफ पाउडर डालिए। मसाले को हल्का सा भूनिए और अब कटे हुए ककोड़े, नमक और लालमिर्च पाउडर डाल कर, तेज आंच पर ककोड़ों को दो मिनट तक भूनिए। थोड़ा सा पानी डालिए और ढककर पांच मिनट धीमी आंच पर पकने दीजिए। ढक्कन खोलिए। यदि ककोड़े अभी नरम नहीं हुए हैं, तो 3-4 मिनट और पकाइए। कुछ लोग करारी सब्जी पसंद करते हैं तो इसे ज्यादा देर तक मत ढकिए। मात्रा भी इतनी ही रखिए कि सारे ककोड़े आराम से पलटे जाएं। एक साथ ज्यादा मात्रा में बनाने से इसका स्वाद नहीं निखरेगा। इस सब्जी में अमचूर पाउडर और हरा धनिया डाल कर परोसिए। पराठे या चपाती के साथ बच्चे भी बड़े चाव से खाएंगे।
फलों का फलसफा
विदा लेते मानसून के दौरान उमस भरी गर्मी में खाने-पीने को लेकर थोड़ी सी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। इस मौसम में लगातार एक जैसा भोजन करते-करते ऊब होना लाजिम है। इससे छुटकारा पाने के लिए जहां थोड़ा चटपटा या मसालेदार खाने की तरफ मुड़े, तो कुछ लोगों की पाचन प्रक्रिया पर असर पड़ता है। ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फलाहार बेहतर विकल्प होता है।
फलों का सलाद सेहत व स्वाद का मिश्रण है। फल बेहतरीन स्वास्थ्यवर्धक आहार होता है। फलों का सलाद या चाट लोग चाव से खाते हैं। सेब, कीवी, केला, अनानास, पपीता, अंगूर, स्ट्राबेरी, अनार, अमरूद आदि को मिलाकर आप मनपसंद सलाद बना सकते हैं।
ये सभी फल ऐसे हैं जिनमें न केवल पर्याप्त मात्रा में पानी होता है, बल्कि ये पोषक तत्त्वों एवं फाइबर से भी भरपूर होते हैं। भादो-क्वार की उमस वाली गर्मी में नियमित रूप से फलाहार या फलों का सलाद सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसे बनाना भी बहुत आसान होता है। खासकर व्रत के दौरान जब शरीर थका-थका सा महसूस करे तो झटपट बन जाने वाले फलों का सलाद ताजगी देता है। इसमें आप व्रत के हिसाब से चीजें मिला सकते हैं। फल सलाद या चाट में आप अपनी पसंद के फल चुन सकते हैं।
कैसे करें तैयार
ऊपर बताए गए तमाम फल जरूरत मुताबिक लेकर अच्छी तरह धोएं और फिर काट लें। स्वादानुसार नमक, चाट मसाला, एक छोटी चम्मच काली मिर्च पाउडर, सिरका व नींबू का रस आदि मिला लें। सलाद तैयार है। शहद और चीनी मिलाकर इसे हल्की-फुल्की मिठाई के रूप में मेहमानों को पेश कर सकते हैं। क्रीमी फ्रूट सलाद बनानी हो तो इसमें क्रीम चीज को मेयोनीज, चीनी और ग्रीक योगर्ट के साथ फलों को मिलाकर तैयार करें। इस सलाद को बनाने के फौरन बाद खाना होता है। इसलिए ऐसे समय बनाएं जब आप खाने की स्थिति में हों। कुछ लोगों को फल ठंडे अच्छे लगते हैं तो वे सलाद बना कर इसे फ्रिज में रख कर अपने तरीके से इसका आनंद ले सकते हैं।