घुटनों का दर्द एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है। घुटने हमारी बॉडी के भार को संभालते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ घुटनों में दर्द की बीमारी ज्यादा परेशान करती है। हम जितना चलते-फिरते हैं उससे हमारे घुटनों की हड्डियां एक-दूसरे के साथ रगड़ खाती है, जिसकी वजह से घुटनों में दर्द, सूजन और ऐंठन की परेशानी होती है। ज्वाइंट पेन नॉन इंफ्लेमेटरी परेशानी है जो कोर्टिसोल के घिसने की वजह से होती है। इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, नई दिल्ली के कंसल्टेंट पेन फिजिशियन डॉ विवेक लूंबा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि कार्टिलेज एक मजबूत, लचीला ऊतक (flexible tissue)है जो हड्डियों को एक दूसरे के खिलाफ रगड़ने से रोककर चोट से बचने में मदद करता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें घुटनों में इन्फ्लामेशन बढ़ जाता है जिससे हड्डियों के सिरों पर मौजूद सुरक्षा कवच जो कुशनिंग का काम करते हैं उनको नुकसान पहुंचता है। धीरे-धीरे ये नुकसान ज्यादा होता जाता है जिससे घुटने के दर्द की परेशानी बढ़ जाती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस का ज्यादा असर घुटने और पीठ पर पड़ता है। आइए जानते हैं कि इस परेशानी का असर सबसे ज्यादा किस पर पड़ता है। एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या इस बीमारी का इलाज बिना सर्जरी के भी किया जा सकता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस का सबसे ज्यादा जोखिम किसे है?
घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा है। घुटनों की इस परेशानी के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे बढ़ता मोटापा, उम्र का बढ़ना, घुटनों की पुरानी चोट की वजह से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। जिन महिलाओं का वजह ज्यादा होता है उन्हें ऑस्टियोआर्थराइटिस का जोखिम ज्यादा रहता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण कौन-कौन से हैं?
घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस का पहला लक्षण दर्द है। दर्द के अलावा, रोगियों में सूजन, घुटने में अकड़न, थोड़ा सा काम करने पर घुटने की परेशानी, लचीलेपन की कमी आना, रात में दर्द, घुटने को हिलाने के दौरान चटकने की आवाज आना और थोड़ी देर भी चलने में परेशानी होना शामिल है।
क्या इस दर्द को बिना सर्जरी के मैनेज किया जा सकता है?
घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित ज्यादातर लोगों को डर रहता है कि इस दर्द और परेशानी से राहत पाने के लिए उन्हें सर्जरी करानी पड़ सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक इस दर्द को दूर करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं जो दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक दर्द को दूर करने के लिए आप बिना सर्जरी के भी कुछ उपाय अपनाकर दर्द से राहत पा सकते हैं।
पैदल चलना, साइकिल चलाना और कुछ घटनों की एक्सरसाइज जैसे आइसोमेट्रिक और आइसोटोनिक करने से दर्द से राहत मिलती है। इस दर्द से राहत पाने के लिए वजन को कंट्रोल करें। अगर आप एक्सरसाइज करके 2-5 किलों वजन भी कम करते हैं तो घुटनों के दर्द से राहत पा सकते हैं।
दवाई से भी इस दर्द का उपचार कर सकते हैं:
एसिटामिनोफेन (acetaminophen), एनएसएआईडीएस (NSAIDS) जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) या एटोशाइन (etoshine)जैसी दवाएं, स्थानीय एनएसएआईडीएस (NSAIDS) जैसे वोलिनी जेल (Volini gel) का उपयोग करके आप इस दर्द से राहत पा सकते हैं। अगर दर्द ज्यादा है तो ट्रामाडोल (अल्ट्रासेट) जैसी दवाईयों का सेवन कर सकते हैं। गंभीर मामलों में, मॉर्फिन( morphine)का सेवन कर सकते हैं।