Independence Day Speech, Essay: प्रत्येक वर्ष भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। 1947 में इसी दिन भारत ने यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इस दिन का भारतीय इतिहास में उल्लेखनीय स्थान है क्योंकि यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा भारतीय संविधान सभा को विधायी संप्रभुता प्रदान की गई थी। स्वतंत्रता दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह दिन हमें स्वतंत्रता की भावना में आनन्दित होने की अनुमति देता है। नीचे, हमने स्वतंत्रता दिवस पर कुछ प्रभावी लिखित निबंध प्रदान किए हैं, जो स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों के दौरान स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए उपयोगी होंगे।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 1:
आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्माननीय शिक्षक, अभिभावक एवं साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 73 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 73 वर्ष पूर्व, हमे आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।
आज से 73 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों मे से एक है।
जय हिन्द।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2:
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण एवं प्यारे साथियों। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे अपने विचार आपके सामने व्यक्त करने का सुअवसर प्रप्त कर बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है, आइये मै आपको स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे मे बताती हूं।
स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 73 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी। भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली। अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया। हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली।
तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इसके बाद वे देश को संबोधित करते हैं और फिर कुछ रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इसे देखने के लिये दूर-दूर से लोग दिल्ली जाते हैं और जो वहां नहीं जा पाते वे इसका सीधा प्रसारण देखते हैं। इस प्रकार हम हमारे वीर जवानों को याद करते हुए अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
जय हिन्द।

Highlights
स्वतंत्रता दिवस का जब कार्यक्रम शुरू होता था तब हमारे स्कूल में परेड होती थी ठीक उसी तरीके से जैसे एनसीसी में होती है। परेड का एक चक्कर पूरा हो जाने के बाद ध्वजारोहण होता था और उसके बाद राष्ट्रगान शुरू हो जाता था। हमारे स्कूल के प्रोग्राम के अंदर छात्राओं द्वारा राजस्थानी नृत्य किया जाता था इसके अलावा देश भक्ति गीत गाए जाते थे।
सर्वप्रथम 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने लाल किले के के केलाहोरी गेट के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था जिसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी जिसके चलते प्रत्येक वर्ष हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं ,200 साल की ब्रिटिश समाज की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को का दिन हमारे देश का सबसे स्वर्णिम दिन कहां जाता है।
कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों मे से एक है। तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं।
जय हिन्द।
घूस, जमाखोरी, कालाबाजारी को देश से समाप्त करें। भारत के नागरिक होने के नाते स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुपयोग करें और न दूसरों को करने दें। एकता की भावना से रहें और अलगाव, आंतरिक कलह से बचें। हमारे लिए स्वतंत्रता दिवस का बड़ा महत्व है। हमें अच्छे कार्य करना है और देश को आगे बढ़ाना है।
त्येक वर्ष भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। 1947 में इसी दिन भारत ने यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इस दिन का भारतीय इतिहास में उल्लेखनीय स्थान है क्योंकि यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा भारतीय संविधान सभा को विधायी संप्रभुता प्रदान की गई थी। स्वतंत्रता दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह दिन हमें स्वतंत्रता की भावना में आनन्दित होने की अनुमति देता है।
स्वतंत्रता दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह दिन हमें स्वतंत्रता की भावना में आनन्दित होने की अनुमति देता है। नीचे, हमने स्वतंत्रता दिवस पर कुछ प्रभावी लिखित निबंध प्रदान किए हैं, जो स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों के दौरान स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए उपयोगी होंगे।
भारत की राजधानी दिल्ली में हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। वहां यह त्योहार बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। अनेक सभाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
आज से 73 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों मे से एक है।
जय हिन्द।
इस साल 2019को हम अपनी आजादी का 73वां जश्न मनाएंगे। इस दिन को हम भारतवासी बड़े ही उत्साह और प्रसन्नता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन सभी विद्यालयों, सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, राष्ट्र गीत गाया जाता है और इन सभी महापुरुषों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अनेक प्रयत्न किए।
इस दिन हमारा कर्तव्य है कि भारत के नागरिक होने के नाते हम स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुपयोग करें और न ही दूसरों को करने दें। शहिदों के बलिदान को आने वाले समय में भी जाया न जाने दें और एक भ्रष्टाचार व दुर्गुण रहित देश बनाने में अपने स्तर पर सहयोग करें।
जब 14 अगस्त की मध्यरात्रि में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक ‘Tryst With Destiny’ भाषण दिया था, तब गांधीजी बंगाल में थे और जल्दी सो जाने की वजह से वे यह भाषण सुन नहीं सके। 15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री ने लाल किले पर झंडा नहीं फहराया था बल्कि अगले दिन 16 अगस्त को फहराया था। इसके बाद से हर साल 15 अगस्त के दिन ही प्रधानमंत्री लाल किले से देश के नाम अपना संबोधन करते हैं। उसी दिन झंडा फहराना तय कर दिया गया।
इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। इस दिन की याद आते ही उन शहीदों के प्रति श्रद्धा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है। जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी। इसलिए हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम हमारे स्वतंत्रता की रक्षा करें। देश का नाम विश्व में रोशन हो, ऐसा कार्य करें। देश की प्रगति के साधक बनें न कि बाधक।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इसके बाद वे देश को संबोधित करते हैं और फिर कुछ रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इसे देखने के लिये दूर-दूर से लोग दिल्ली जाते हैं और जो वहां नहीं जा पाते वे इसका सीधा प्रसारण देखते हैं।
हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है।
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण एवं प्यारे साथियों। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे अपने विचार आपके सामने व्यक्त करने का सुअवसर प्रप्त कर बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है, आइये मै आपको स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे मे बताती हूं।
अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया।
अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया। हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली।
स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 73 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी। भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली।
आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्माननीय शिक्षक, अभिभावक एवं साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 73 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 73 वर्ष पूर्व, हमे आजादी मिली थी।
यह हमारा 73 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 73 वर्ष पूर्व, हमे आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण एवं प्यारे साथियों। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे अपने विचार आपके सामने व्यक्त करने का सुअवसर प्रप्त कर बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है, आइये मै आपको स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे मे बताती हूं।
हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इसके बाद वे देश को संबोधित करते हैं और फिर कुछ रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इसे देखने के लिये दूर-दूर से लोग दिल्ली जाते हैं और जो वहां नहीं जा पाते वे इसका सीधा प्रसारण देखते हैं। इस प्रकार हम हमारे वीर जवानों को याद करते हुए अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
जय हिन्द।
1947 में 15 अगस्त को भारत को आजादी मिली, इसलिए भारत के लोग हर साल इस खास दिन को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम समारोह में, भारत के प्रधान-मंत्री ने लाल किले पर सुबह जल्दी राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जहाँ लाखों लोग ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया था।
लाल किले, नई दिल्ली में उत्सव के दौरान भारतीय छात्रों द्वारा मार्च पास्ट सहित कई कार्य किए जाते हैं और स्कूली छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। राष्ट्रीय ध्वज की मेजबानी और राष्ट्रीय गान (जन गण मन) के पाठ के बाद, भारत के प्रधान मंत्री अपना वार्षिक भाषण देते हैं।
भारत के स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन सभी महान हस्तियों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, राष्ट्रीय झंडे की मेजबानी स्कूल और कॉलेजों में भी की जाती है, जहाँ शिक्षकों और छात्रों द्वारा कई गतिविधियाँ की जाती हैं।
भारत में 1947 से 15 अगस्त की तारीख भारतीय इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन बन गया है। यह वर्ष 1947 का सबसे भाग्यशाली दिन था जब भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन संघर्ष और बलिदान के बाद भारत स्वतंत्र हुआ। हमने कड़े संघर्ष के बाद आजादी हासिल की।
जब भारत को अपनी स्वतंत्रता मिली, भारत की जनता ने अपने पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू को चुना था, जिन्होंने पहली बार राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। सभी लोग इस विशेष दिन को हर साल बहुत खुशी के साथ मनाते हैं।