अच्छी सेहत के लिए हेल्दी फूड्स का सेवन करना बेहद जरूरी है। हेल्दी और टेस्टी भोजन बनाने में खाना पकाने वाले बर्तन का बहुत बड़ा हाथ है। आप अपना भोजन कैसे और किन बर्तनों में पकाते हैं, यह बहुत ज्यादा मायने रखता है। खाना पकाने के लिए सही बर्तन का चुनाव करना बेहद जरूरी है। आप जानते हैं कि खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर बर्तन जहरीले कैमिकल से भरपूर होते हैं जो खाने में रिसकर खाने को दूषित करते हैं।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर खाना किस बर्तन में पकाएं जो दूषित नहीं हो और सेहत के लिए हेल्दी भी रहे। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ डिंपल जांगडा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बताया है कि खाने के लिए किस बर्तन का इस्तेमाल करना बेहतर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि खाना किस बर्तन में बनाएं जिससे वो हेल्दी और टेस्टी बनें।
स्टेनलेस स्टील:
स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के फूड्स बनाए जा सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में खाना पकाने से उसमें 60-70 प्रतिशत ही पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि क्रोमियम या निकल से पॉलिश किए गए स्टेनलेस स्टील को खरीदने से बचें क्योंकि वे स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
कच्चा लोहा:
कच्चे लोहा के बर्तनों के बारे में एक्सपर्ट ने बताया है कि ये लंबे समय तक चलने वाली मजबूत धातु है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। उन्होंने कहा कि जब कच्चे लोहे के बर्तनों में खाना पकाया जाता है, तो भोजन में थोड़ी मात्रा में आयरन रिसता है जो हमारे शरीर के लिए हेल्दी हो सकता है। हालांकि एक्सपर्ट ने ये भी चेतावनी दी है कि जिन लोगों की बॉडी में आयरन की मात्रा अधिक है वो इस बर्तन में खाना खाने से बचें।
पीतल:
पीतल के बर्तन में खाना पकाने से भोजन की लगभग 90 प्रतिशत पोषण सामग्री बरकरार रहती है। लेकिन इन बर्तनों को धोने के लिए अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत है। एक्सपर्ट ने बताया कि इन बर्तनों में सिट्रिक फूड नहीं पकाएं।
कांस्य:
डॉ डिंपल ने कहा कि कांस्य के बर्तन में भोजन की पोषण सामग्री का 97 प्रतिशत बरकरार रहता है। हालांकि उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि टिन या निकल कोटिंग के साथ आने वाले किसी भी कांस्य के बर्तन में खाना पकाने से बचें। इन फूड्स से सेहत को खतरा हो सकता है।”
मिट्टी:
मिट्टी धीरे-धीरे गर्म होती है और इस प्रकार भोजन की नमी और पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करती है। एक्सपर्ट ने बताया कि मिट्टी के बर्तन का खाना पोष्टिक होता है लेकिन उसे पकाने में अधिक समय लगता है।
एल्युमिनियम:
एल्युमिनियम को एक थायरोटॉक्सिक धातु माना गया है। यह आसानी से भोजन में घुल जाता है और लीवर डिसआर्डर, कब्ज, पैरालाइज और यहां तक कि ब्रेन के रोगों का खतरा अधिक बढ़ा सकता है।