3 Home Remedies for gas and acidity: पेट में हमेशा सौ से डेढ़ सौ एमएल गैस पहले से रहती है तो इतना नुकसान नहीं पहुंचाती है, लेकिन जब इसके बाद गैस का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है तो पेट में गैस, बदहजमी, एसिडिटी, हार्टबर्न और ब्लॉटिंग जैसी समस्याएं आती है। ये सब शरीर को कष्ट तो पहुंचाती ही है, पूरे मन को चिड़चिड़ा बना देती है। अगर एसिडिटी से संबंधित ये समस्याएं ज्यादा दिनों तक हो तो इससे जीईआरडी यानी गैस्ट्रोइसोफेगल रिफलेक्स बीमारी लग जाती है। एक बार जब यह बीमारी लग जाती है तो यह क्रोनिक होने लगती है,इसलिए इसे दूर करना बहुत जरूरी है।
दरअसल, हमारी आंत में खरबों गुड बैक्टीरिया होते हैं। ये सब भोजन पचाने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान गैस बनती है। कुछ फूड ऐसे होते हैं जिसे ये बैक्टीरिया बहुत तेजी के साथ फर्मेंट कर देते हैं, इससे गैस ज्यादा बनने लगती है और अन्य तरह की परेशानियां होती है।
शुरुआत में इन परेशानियों का आसानी से घरेलू इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च में भी इसे माना गया है कि कुछ हर्ब्स से एसिडिटी और गैस का इलाज बेहतर ढंग से कर सकते हैं। एसिडिटी के इलाज से पहले यह जानना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या-क्या हैं।
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफलेक्स के लक्षण:
जब पेट में गैस और एसिडिटी की समस्याएं ज्यादा होने लगती है तो छाती में जलन जैसा महसूस होता है। इस स्थिति में लेटते समय पेट में दर्द होने लगता है। एसिडिटी होने पर खट्टी डकार आने लगती है और पेट के उपरी हिस्से और छाती में दर्द होता है। यहां तक कि निगलने में भी दिक्कत होने लगती है। अगर आप भी एसिडिटी से परेशान हैं तो डाइट में कुछ हर्ब्स को शामिल करें।
मुलेठी से करें एसिडिटी का इलाज:
मुलेठी बेहद सस्ता हर्ब्स है जिससे गैस और एसिडिटी का आसानी से इलाज किया जा सकता है, हार्वर्ड मेडिकल की वेबसाइट के मुताबिक रिसर्च में भी साबित हो चुका है कि मुलेठी से एसिडिटी का पूरी तरह इलाज किया जा सकता है। मुलेठी आंत की लाइनिंग में नुकसान होने से रोकती है। इससे जब एसिडिटी होती है तो नुकसान ज्यादा नहीं होता है और आंत की लाइनिंग बची रहती है। मुलेठी का पाउडर आप खा सकते हैं या आजकल इसकी टैबलेट भी अब बाजार में मिलने लगी है।
अदरक का करें सेवन:
अदरक कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद में अदरक का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। अदरक के सेवन से गैस और एसिडिटी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। अदरक एक तरह का नेचुरल हर्ब्स है जो एसिडिटी से छुटकारा पाने का नेचुरल तरीका है। अदरक का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है।
कैमोमाइल से करें गैस और एसिडिटी का उपचार:
कैमोमाइल एक पौधा होता है, कैमोमाइल से गैस और एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है। कैमोमाइल की चाय बनाकर पी जा सकती है। कैमोमाइल आंत की लाइनिंग को रिलेक्स फील कराता है। यह एंटी-इंफ्लामेटरी होता है जिसके कारण यह आंत में सूजन नहीं होने देती।
सौंफ का पानी पिएं:
गैस और एसिडिटी के लिए किचन में उपलब्ध कई तरह के मसालों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए सौंफ को कुछ घंटों तक पानी में भिंगने दें और इसका सेवन करें। इससे गैस और एसिडिटी की समस्या खत्म हो सकती है। एसिडिटी या हार्टबर्न को रोकने के लिए सदियों से लोग अलग-अलग हर्ब्स का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कैटनिप पौधा, सौंफ, मार्शमैलो की जड़ और पपीते की चाय से सदियों से हार्टबर्न का इलाज किया जा रहा है।