Weight Loss Tips: आज की खराब जीवन शैली के बीच न केवल अधिक उम्र के लोग बल्कि किशोर व नौजवान भी मोटापे के शिकार हो रहे हैं। बिगड़ी हुई दिनचर्या और खराब खानपान की वजह से शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा लगातार बढ़ती चली जाती है। कॉलेस्ट्रोल बढ़ने की वजह से तेजी से वजन बढ़ने लगता है। अधिकांश लोग अपना वजन कम करने के लिए खुद को भूखा रखते हैं या फिर किसी खास प्रकार की डाइट फॉलो करते हैं। हालांकि, कई बार लोग हार्मोन की गड़बड़ी के कारण भी मोटापे से पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन से हार्मोन इसके लिए जिम्मेदार हैं –

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in

इंसुलिन: इंसुलिन शरीर के महत्वपूर्ण अंग पैन्क्रियाज में बनने वाला एक जरूरी हार्मोन है। ये कोशिकाओं यानी सेल्स में फैट स्टोरेज को कंट्रोल करते हैं। मोटापा बढ़ने से इंसुलिन प्रतिरोध की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके अलावा, मेटाबॉलिज्म कमजोर होने पर भी ये हार्मोन प्रभावित होता है जिससे लोगों का वजन बढ़ने लगता है। बता दें कि डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी भी इंसुलिन हार्मोन की गड़बड़ी से हो जाती है।

लेप्टिन: लेप्टिन हार्मोन भूख की इच्छा को नियंत्रित करता है। ये हार्मोन फैट सेल्स के द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है। आमतौर पर इस हार्मोन का कार्य मस्तिष्क तक ये संदेश पहुंचाना होता है कि लोगों को कितना भोजन करना चाहिए जिससे उनका पेट भर जाए। वहीं, जिनके शरीर में  इस हार्मोन की कमी हो जाती है, वो जरूरत से ज्यादा खाना खा लेते हैं जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है।

घ्रेलिन: इस हार्मोन को हंगर हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। पेट से निकलने वाले इस हार्मोन का काम होता है कि जब लोगों को भूख लगे तो ब्रेन को सिग्नल देना। खाली पेट शरीर में इस हार्मोन की अधिकता रहती है जबकि पेट भरे होने पर ये हार्मोन अपने आप कम हो जाता है।

कैसे करें कंट्रोल: इंसुलिन प्रतिरोध को दूर करने के लिए लोगों को कम कार्ब्स का सेवन करना चाहिए। वहीं, प्रोटीन अधिक मात्रा में खाएं। सप्ताह में 4 से 5 दिन कम से कम 45 मिनट व्यायाम करें। इससे इंसुलिन बढ़ाने के साथ ही वजन घटाने में भी मदद मिलेगी। चीनी व ट्रांस फैट से भरपूर फूड्स के सेवन से बचें। सीमित मात्रा में ग्रीन टी पीयें। अलसी के बीज व फाइबर के अन्य स्रोत खाने से भी फायदा होगा। बैलेंस्ड डाइट रखने से हार्मोन भी बैलेंस्ड रहते हैं।