होली का त्योहार 13 मार्च को पूरे भारत में मनाया जाएगा। होली के मौके पर हर जगह लोग मस्ती में डूबे नजर आते हैं। कहीं लोग रंगों की मस्ती में डूबे नजर आते हैं तो कहीं भाग और नाच गाने के साथ लोग इस त्योहार का लुफ्त उठाते हैं। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इस उपलक्ष में होली का त्योहार मनाया जाता है। होली का त्योहार वसंत ऋतु आने की खुशी में भी मनाया जाता है। होली का त्योहार अक्सर फरवरी और मार्च महीने के बीच मनाया जाता है। वैसे तो होली का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन कई जगह पर लोग इस त्योहार को अपने ढंग से भी मनाते हैं। मुंबई, गुजरात और यूपी में होली की त्योहार की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। सबसे पहले बात करते हैं।

मुंबई और पुणे की बात करें तो पिछले दो सालों से वहां पर सूखी होली खेली जा रही है। मुंबई में लोग होली खेलने की सिर्फ रंगों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। ​सिर्फ रंगों से होली खेलने के पीछे लोगों को मकसद है होली के दौरान होने वाली पानी की बरबादी को रोकना। वहां होली के त्योहार से पहले काफी अभियान भी चलाए जाते हैं जिनके जरिए लोगों से सेफ वॉटर की अपील की जाती है। गुजरात में होली का त्योहार काफी जोश के साथ मनाया जाता है।

गुजरात में होली के मौके पर गोविंदा आला रे, जरा मटकी संभाल ब्रजबाला यह लाइन सुनने को मिलेंगी। गुजरात में खासकर युवाओं में होली के त्योहार को एक अलग उत्साह देखने को मिलता है। गुजरात में लड़के और लड़कियां टोलियां बनाकर निकलते हैं। एक दूसरे पर रंग और पानी डालते हैं। इसके अलावा लोग मक्खन वाले मटकों और दूध की छिपाकर रखते हैं। यह परंपरा भगवान श्रीकृष्ण के समय से चली आ रही है। भगवान कृष्ण गांव में लोगों के घरों से मक्खन और दूध की चोरी किया करते थे।

वहीं यूपी की बात करें तो मथुरा-वृंदावन की होली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां ऐसा माना जाता है कि होली के त्योहार की शुरुआत भगवान कृष्ण और राधा के समय से हुई थी। मथुरा में लोग मजाक-मस्ती के अलावा बहुत सारी गतिविधियों के साथ होली का जश्न मनाते है। होली का त्योहार उनके लिए प्रेम और भक्ति का महत्व रखता है, इस लिए होली के मौके पर यहां बहुत ही लीलाएं देखने को मिलती हैं।