मानस मनोहर

cuisine food खासकर इस मौसम में पैदा होने वाली सब्जियां खाएं, तो पूछना ही क्या। मौसम के मिजाज और स्वाद के अंदाज को ध्यान में रखते हुए कुछ ऐसे ही पारंपरिक व्यंजनों की चर्चा इस बार।

मटर मशरूम
कुछ सब्जियों के साथ ऐसी धारणा बन गई है कि जैसे वे केवल रेस्तरां या ढाबे में ही अच्छी बनती हैं। मटर मशरूम के बारे में भी कई लोगों को यही लगता है कि वह बाजार का बना हुआ ही अच्छा होता है। मगर यह धारणा बिल्कुल गलत है। अच्छा खाना वास्तव में घर में ही बनता है। घर में बना भोजन गुणवत्ता और स्वाद दोनों दृष्टियों से उत्तम होता है। साफ-सफाई का तो विशेष ध्यान दिया ही जाता है। मशरूम के बारे में यह भी महत्त्वपूर्ण है कि उसकी सफाई में जितना ध्यान दिया जाना चाहिए, उतना पता नहीं दुकानों पर दिया जाता है या नहीं। घर में उसकी अच्छी तरह सफाई हो जाती है।

मटर मशरूम बनाने के लिए एक पैकेट मशरूम चार लोगों के लिए पर्याप्त होता है। इतने मशरूम के साथ एक कटोरी हरी मटर के दाने पर्याप्त होंगे। तरी के लिए दो टमाटर और दो मध्यम आकार के प्याज की जरूरत होगी। बाकी घर में रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले मसाले उपयोग किए जा सकते हैं। अगर विशेष स्वाद देना हो तो उसमें शाही पनीर मसाला का उपयोग कर सकते हैं, उससे खुशबू अच्छी आती है।

सबसे पहले गरम पानी में एक छोटा चम्मच नमक मिला कर मशरूम को दस मिनट के लिए डाल कर छोड़ दें। फिर रगड़ कर अच्छी तरह साफ कर लें। ऐसा ही दो बार और सामान्य पानी से धोएं और पानी निथारने के लिए सूखे कपड़े पर फैला दें। अगर फ्रोजन मटर लिया है, तो उसे भी थोड़ी देर पानी में भिगो कर रखें और फिर निथार लें। इस बीच में तरी यानी ग्रेवी की तैयारी कर लें। प्याज और टमाटर को मोटा-मोटा काट लें। इसे साथ ही एक हरी मिर्च और छोटा टुकड़ा अदरक का भी काट लें। अगर लहसुन पसंद करते हैं, तो छह-सात कलियां लहसुन की भी छील लें। अब मशरूम को चार टुकड़ों में काट कर अलग रख लें।

कड़ाही गरम करें और उसमें एक चम्मच बटर पिघलाएं, फिर पहले मशरूम डालें और तेज आंच पर दो से तीन मिनट तक चलाते हुए सेंक लें। इसे निकाल कर अलग कटोरे में रख दें। इसी तरह उसी कड़ाही में मटर को भी दो से तीन मिनट चलाते हुए पकाने के बाद बाहर निकालें और मशरूम के साथ ही रख दें। इसके ऊपर चुटकी भर हल्दी पाउडर, चौथाई चम्मच कुटी लाल मिर्च, चौथाई चम्मच धनिया पाउडर और चौथाई चम्मच नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लें और कटोरे को ढंक कर अलग रख दें।

अब उसी कड़ाही में दो चम्मच सरसों तेल गरम करें। उसमें छोटा टुकड़ा दालचीनी, आधा चम्मच साबुत धनिया, आधा चम्मच जीरा, एक तेजपत्ता डाल कर तड़काएं और फिर पहले प्याज, लहसुन और अदरक, हरी मिर्च डाल कर एक मिनट के लिए चलाते हुए पकाएं, फिर टमाटर डालें और आधा छोटा चम्मच नमक, चौथाई चम्मच हल्दी डाल कर मिलाएं और फिर कड़ाही पर ढक्कन लगा दें। आंच को मध्यम ही रहने दें। अगर तरी में चमक और गाढ़ापन लाना चाहते हैं, तो चार-छह काजू भी डाल सकते हैं। जब सारी चीजें पक कर नरम हो जाएं तो आंच बंद करें, थोड़ा ठंडा होने दें और फिर तेजपत्ता और दालचीनी बाहर निकाल कर सारी सामग्री को ग्राइंडर में डाल कर पीस लें।

उसी कड़ाही में पिसी हुई सामग्री को डालें और मध्यम आंच पर चलाते हुए तेल छोड़ने तक पकाएं। अब इसमें एक चम्मच गरम मसाला या शाही पनीर मसाला, चौथाई चम्मच कुटी लाल मिर्च डालें और मिला लें। आधा गिलास पानी डाल कर उबाल आने तक पकाएं और फिर उसमें मशरूम और मटर डाल कर ढक्कन लगा कर पांच मिनट और पकने दें। अगर तरी गाढ़ी लग रही हो, तो थोड़ा पानी और डाल सकते हैं। नमक देखें, अगर कम है, तो और डाल दें। पांच मिनट बाद आंच बंद कर दें। मटर मशरूम तैयार है। हरी मिर्च, धनिया और अदरक लच्छे से सजा कर परोसें।

गोभी परांठा

ह फूलगोभी का मौसम है। सर्दी में गोभी का स्वाद निराला होता है। आमतौर पर इसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। मगर इसका परांठा भी बहुत स्वादिष्टि बनता है। बनाना भी बहुत आसान है। इसे लेकर घर में चाहे छोटे हों या बड़े, नाक-भौं नहीं सिकोड़ते। सब चाव से खाते हैं। इसे बनाने के लिए बहुत अधिक सामग्री की भी आवश्यकता नहीं होती। झटपट बनाया जा सकता है।

फूलगोभी को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें, फिर बड़े छेद वाले कद्दूकस पर सावधानी से घिस लें। गोभी पानी छोड़ती है, इसलिए मसाले, नमक वगैरह बाद में डालना चाहिए। बहुत सारे लोगों को शिकायत रहती है कि गोभी का भरावन पानी छोड़ने लगता है और बेलने पर परांठा फट जाता है। इससे बचने का आसान उपाय है कि गोभी को घिसने के बाद अच्छी तरह दबा कर निचोड़ लें, ताकि सारा रस निकल जाए। इस रस को फेंकें नहीं, इससे आटा गूंथ लें। आटे को पंद्रह मिनट आराम करने रख दें।

अब कद्दूकस की हुई गोभी में एक से दो छोटे चम्मच साबुत धनिया और अजवाइन को हथेली पर मसल कर डालें। इसके साथ ही, एक से डेढ़ चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच कुटी लाल मिर्च, आधा चम्मच गरम मसाला, बारीक कटी हरी मिर्चें, हरा धनिया पत्ता, बारीक कटा अदरक डाल कर अच्छी तरह मिला लें। फिर जरूरत भर का नमक डालें और एक बार फिर अच्छी तरह मिला लें।

गुंथे हुए आटे में से लोइयां तोड़ें और दोनों हाथों के अंगूठे से दबाते हुए कटोरीनुमा आकार दें। इसमें दबा कर भरावन भर दें और अच्छी तरह बंद कर दें, ताकि कहीं से भरावन निकलने की गुंजाइश न हो। लोई को एक बार फिर सूखे आटे में लपेटें और चकला कर रख कर पहले हल्के हाथों से दबा कर जितना फैला सकते हैं, फैला लें। अब बेलन से किनारे की तरफ से बेलना शुरू करें, ताकि किनारों से भरावन के बाहर निकलने की संभावना न रहे।

फिर हल्के हाथों से बेलते हुए बीच के हिस्से को फैलाएं। इस तरह बेलें कि भरावन पूरे परांठे में फैल जाए। अब सावधानी से उठा कर गरम तवे पर डालें और दोनों तरफ से पलट कर घी या मक्खन लगा कर सुनहरा रंग आने तक सेंकें। परांठा सेंकते समय आंच को मध्यम रखना चाहिए, ताकि परांठा अच्छी तक सिंके और भरावन भी पक जाए। आंच तेज होगी तो ऊपरी परत तो पक जाएगी, मगर परांठे की भरावन कच्ची रह जाएगी।
गोभी के परांठे को रायत या दही, अचार और सलाद के साथ परोसें। चाहें, तो आलू की रसेदार सब्जी के साथ भी खा सकते हैं।