नए शोधों मे दावा किया गया है कि पिता की उम्र और जीवनशैली का सीधा असर होने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है। हम लंबे समय सुनते आ रहे हैं कि गर्भवती महिला जो खाती हैं, पीती हैं या उसकी आदतें जैसे स्मोकिंग एल्कोहल का सेवन आदि का असर होने वाले शिशु पर पड़ता है। हालांकि अब एक शोध में पाया गया है कि पिता बनने जा रहे पुरुष का आहार, एल्कोहल का सेवन और स्मोकिंग करने की आदत और उम्र बच्चे में बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकती है।

हालांकि 50 की उम्र में लगभग सभी पुरुष पिता बन सकते हैं , लेकिन आपके 40 के पार हो जाने के बाद ही आपको पिता बनने में कठिनाईयां हो सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी उम्र के साथ घटती रहती है जिससे स्पर्म द्वारा एग को फर्टिलाइज करने की क्षमता भी कम हो जाती है।

पिता की उम्र:
एक शोध में पता चला है जिन बच्चों के पिता की उम्र 40 से अधिक थी, उनमें ऑटिज्म होने की संभावनाएं अधिक थीं जबकि जिनके पिता की उम्र 30 से कम थी, उनमें यह मानसिक बीमारी होने की संभावनाएं कम होती हैं।

इसके अलावा, पिता की उम्र अधिक होने पर बच्चे में सिज़ोफ्रेनिया होने का खतरा अधिक होता है। हालांकि ऐसा क्यों है, इसका कारण अभी तक साफ नहीं है। इसके पीछे का कारण पिता के जीन्स में होने वाले बदलाव हो सकते हैं लेकिन ऐसा साबित नहीं हुआ है।

एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि पिता की उम्र अधिक होने से शिशु में बर्थ डिफेक्ट जैसे हार्ट प्रोब्लम्स और डाउन सिंड्रोम होने का रिस्क कम उम्र वाले पिता की तुलना में ज्यादा होता है। जियोर्जटाउन यूननिवर्सिटी में बायोकैमिस्ट्री एंड मेलीक्यूल एंड सेल्यूलर बायोलॉजी की असिसटेंट प्रोफेसर और पीएचडी का अध्ययन कर चुकी जोआना किटलिंस्का ने इस विषय पर रिसर्च कर उपरोक्त निष्कर्ष निकाले हैं।