“Independence Day 2020: हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के ब्रिटिश शासन से मुक्ति और स्वतंत्र भारत की स्थापना का प्रतीक है। 15 अगस्त, 1947 को भारत को करीब 200 सालों की अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिली थी। सालों-साल चले स्वतंत्रता संघर्ष, तमाम सपूतों की कुर्बानी के बाद आखिरकार अंग्रेज भारत छोड़ने को विवश हुए। स्वतंत्रता दिवस की सालगिरह के मौके पर देशभर में जश्न का माहौल होता है। मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के लाल किले में होता है, जहां प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित भी करते हैं। आइए जानते स्वतंत्रता दिवस का इतिहास और महत्व-
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास: अंग्रेज व्यापार करने के इरादे से भारत आए थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यहां कब्जा जमा लिया। अंग्रेजों ने साल 1619 में उत्तरपश्चिमी तट पर सूरत में अपनी पहली चौकी स्थापित की। उस शताब्दी के अंत तक, ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास, बॉम्बे और कलकत्ता में तीन और स्थायी व्यापारिक स्टेशन खोल लिये। इसके बाद वे धीरे-धीरे पूरे भारत में पैर पसारने लगे। उन्नीसवीं सदी के मध्य तक, ब्रिटिशों ने इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार जारी रखा और भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के वर्तमान समय के अधिकांश हिस्सों पर उनका नियंत्रण हो गया।
नियंत्रण के साथ ही उनका दमनकारी रवैया भी बढ़ने लगा। इससे आहत भारतीयों के मन में अंग्रेजी दासता के खिलाफ एक चिंगारी जन्म लेने लगी। 1857 में अंग्रेजों के लिए लड़ने वाले भारतीय सैनिकों ने उन्हीं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और विद्रोह कर दिया। क्रांतिकारी मंगल पांडे को इस विद्रोह का अगुवा माना जाता है। 1857 के इस विद्रोह को ‘गदर’ नाम दिया गया और इसे पहला स्वतंत्रता संघर्ष कहा जाता है।
‘गदर’ के बाद भारत के तमाम हिस्सों में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत शुरू हो गई। तमाम सेनानी और सपूतों ने बिगुल फूंक दिया। यह संघर्ष चलता रहा है। और अंतत: अंग्रेज भारत छोड़ने पर विवश हुए। 15 अगस्त 1947 को भारत एक संप्रभु देश बन गया। स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत ने 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान लागू किया। इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का महत्व: अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिलना इतना आसान काम नहीं था। तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की चिंता न करते हुए अंग्रेजों से लोहा लिया। शहीद भी हुए। उन्हीं की बदौलत हमें आजादी मिली। 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश को संबोधित किया था और स्वतंत्रता संघर्ष की दास्तां बयां की और इस बात का जिक्र किया कि भविष्य का भारत कैसा हो।
स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ हमें उन शहीदों की याद तो दिलाती ही है, साथ इस बात पर मंथन करने का मौका भी देती है कि हमारे सेनानियों ने जो सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिए हम किस तरह अपना योगदान दे सकते हैं।