Smartphones addiction in children: एक एडिक्शन थेरेपिस्ट ने माता-पिता को यह चेतावनी दी है कि अपने बच्चे को स्मार्टफोन रखने की अनुमति देना “कोकीन के एक ग्राम देने” से भी अधिक हानिकारक साबित हो सकता है। हाल ही में लंदन के एक शिक्षा सम्मेलन में, हार्ले स्ट्रीट रिहैब क्लिनिक विशेषज्ञ मैंडी सालिगारी ने माता-पिता और शिक्षकों को बताया कि स्नैपचैट और इंस्टाग्राम आपके बच्चों के लिए एल्कोहल और ड्रग्स से भी अधिक खतरनाक हो सकते हैं और इनकी लत बेहद बुरी होती है। मैंडी सालिगारी ने यह भी कहा कि, ‘मैं हमेशा लोगों को बोलती हूं कि जब आप अपने बच्चे को फोन या टैबलेट देते हैं तो आप समझ जाइए कि आप उन्हें वाइन की बोतल या फिर एक ग्राम कोकेन दे रहे हैं।’
हार्ले स्ट्रीट थेरेपिस्ट ने बताया कि उनकी कई फिमेल क्लाइंट्स का यह मानना है कि अपने मोबाइल फोन से किसी को अपनी न्यूड फोटोज भेजना ‘सामान्य’ है और माता-पिता या शिक्षक को इस बात का पता चलना सिर्फ एक मुद्दा है। सालिगारी ने कहा कि, “मेरी जो 13 और 14 साल की क्लाइन्ट्स हैं वह लड़कियां हैं, जो सेक्सटिंग में शामिल हैं, और सेक्सटिंग को ‘पूरी तरह से सामान्य’ बताती हैं।”
सालिगारी ने कहा कि, “अगर आप अपने बच्चों को आत्म-सम्मान बनाए रखने के बारे में सिखाते हैं तो उनका खुद को शोषण करने की संभावना कम होती है।” शोध के अनुसार यह बात सामने आई है कि 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डिजिटल टेक्नोलॉजी की लत को छुड़ाने के लिए उनका इलाज किया जा रहा है, जबकि हर 10 में चार माता-पिता का कहना कि बच्चों को फोन के इस्तेमाल को कंट्रोल करना मुश्किल होता है।
हाल ही में 1,500 माता-पिता के एक सर्वे में पाया गया है कि यूके के बच्चे सात साल की उम्र से ही अपना पहला मोबाइल फोन रखना शुरू कर देते हैं। साथ ही आठ वर्ष की आयु से टैबलेट और 10 वर्ष की आयु वाला स्मार्टफोन रखना शुरू कर देते हैं। हालांकि, चिकित्सक का मानना है कि बच्चों को फोन पर समय बिताना और वास्तविक जीवन के बीच बेहतर संतुलन बनाने में मदद करना संभव है – चाहे वह किसी उम्र के हों।
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