देश को आजादी दिलाने वाले सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की आज (2 अक्टूबर) जयंती है। ऐसे में राष्ट्रपिता के विचारों के साथ-साथ उनसे जुड़ी अनेक ऐसी चीजें हैं जो दुर्लभ और ऐतिहासिक हो गई हैं। उनमें से एक है टोपी (गांधी टोपी) जो आज के दौर में भी उतनी ही प्रसंगिक है, जितनी पहले थी। मध्य प्रदेश के स्कूल में बच्चे बापू की याद में गांधी टोपी लगाकर ही स्कूल आते हैं। साथ ही महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ का नियमित रूप से प्रार्थना के समय गायन करते हैं।

कुछ ऐसा है एमपी का यह स्कूल: एमपी के नरसिंहपुर जिले में एक ऐसा स्कूल है, जहां के बच्चे महात्मा गांधी को याद कर गांधी टोपी लगाकर ही स्कूल आते हैं। बताया जा रहा कि यहां पढ़ने वाले पहली से 8वीं तक के  हर बच्चे के सिर पर स्कूल परिसर के अंदर गांधी टोपी जरूर नजर आती है। यही नहीं, ये बच्चे बापू के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ को प्रार्थना के समय प्रतिदिन गाते भी हैं। गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है और इस मौके पर देश से लेकर विदेश में गांधीजी को लेकर कई तरह के आयोजन होने है।

टीचर का बयान: इस मसले पर बता करते हुए स्कूल के एक टीचर संदीप शर्मा कहते हैं कि इस प्रथा के बारे में ठीक से तो नहीं पता लेकिन स्कूल में दीवार पर एक तारीख लिखी है, जिसके मुताबिक खुद 3 अक्टूबर, 1945 को महात्मा गांधी इस स्कूल आए थे। इसमें लिखा गया है, ‘सत्य और अहिंसा के संपूर्ण पालन की भरसक कोशिश करूंगा, बापू का आशीर्वाद।’ टीचर ने बताया कि गांधीजी ने असहयोग आंदोलन के दौरान हमारे गांव का दौरा किया था और तब से ही ग्रामीणों ने टोपी पहनना शुरू कर दिया और उसके बाद स्कूल के बाचे भी इस प्रथा को आगे बढ़ा रहे हैं।
 देशभक्ति का जज्बा जागता है: स्थानीय लोगों का कहना है कि गांधी टोपी लगाने से बच्चों मे आत्मविश्वास बढ़ता है और उनमें देशभक्ति की भावना जगती है। इस स्कूल की दीवारों पर लिखा है कि इसकी शुरुआत वर्ष 1844 में यानी की करीब 175 साल पहले हुई थी।