पाइल्स एक ऐसी परेशानी है जो किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकती है। इस परेशानी की मुख्य वजह कब्ज़, पाचन संबंधी दिक्कतें, गैस की समस्या और मोटापा हो सकती है। इसके अलावा लम्बे समय तक खड़े होकर काम करने से भी बवासीर की समस्या हो सकती है। इस बीमारी की वजह से एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन हो जाती है।
बवासीर की बीमारी में गुदा के आस-पास कठोर गांठ हो जाती है और स्टूल के साथ खून आने लगता है। बवासीर दो तरह की होती है आंतरिक और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर में मल के साथ खून आता है जबकि बाहरी बवासीर में गुदा के आस-पास सूजन आती है और खुजली होती है।
इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो स्टूल पास करते वक्त ब्लड आना या म्यूकस का आना, एनस के आसपास सूजन या गांठ सी महसूस होना, एनस के आसपास खुजली का होना और शौच के बाद भी भी ऐसा लगते रहना जैसे पेट साफ नही हुआ शामिल है।
पाइल्स एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से उठना-बैठना दूभर हो जाता है। इस बीमारी का डॉक्टरी इलाज मौजूद है लेकिन आयुर्वेदिक तरीके से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। औषधीय गुणों से भरपूर अलसी के बीच पाइल्स का जड़ से इलाज कर सकते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक अगर दस दिनों तक अलसी के बीजों का सेवन किया जाए तो बवासीर को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि अलसी के बीज कैसे पाइल्स को कंट्रोल करते हैं।
अलसी के बीज कैसे पाइल्स को करते हैं कंट्रोल। आयुर्वेद के अनुसार अलसी के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं जो पाचन को दुरुस्त करते हैं। इसका सेवन करने से कब्ज से राहत मिलती है। कब्ज बवासीर की परेशानी को बढ़ाता है। एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर अलसी का बीज एनस में मौजूद संक्रमण को दूर करते हैं और बवासीर को जड़ से खत्म करते हैं। इसका सेवन करने से बवासीर के मस्से कम होते हैं। बवासीर के मरीज अलसी का रोजाना सेवन करें इस परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
अलसी के बीज कैसे करें सेवन: पाइल्स से परेशान हैं तो अलसी के बीज का सेवन करें। 50 ग्राम अलसी के बीज को रात को पानी में भिगो दें और सुबह इसे मिक्सर में पीसकर इसका सेवन करें। अलसी के बीजों का पीसकर सेवन करने से आपको कब्ज से राहत मिलेगी और पाइल्स से भी निजात मिलेगी।